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छत्तीसगढ़ बजट : एक वर्ष में 99 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त, मुख्यमंत्री मितान योजना में 10 करोड़ का प्रावधान

रायपुर ,01 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत विगत 1 वर्ष में 99 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त किये जा चुके हैं। वजन त्योहार आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में कुपोषण का स्तर 26.33 प्रतिशत था जो घटकर वर्ष 2019 में 23.37 प्रतिशत हो चुका है। महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर राज्य द्वारा 5 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जायेगी। इसके लिये नवीन कौशल्या मातृत्व योजना प्रारंभ की जायेगी। बच्चों की देखरेख सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी कार्याें के लिये एकीकृत बाल संरक्षण योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 47 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।विशेष पोषण आहार योजना में 732 करोड़, आंगनबाड़ियों का सुधार एवं निर्माण योजना में 39 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। बुजुर्गाें एवं दिव्यांगजनों को सहायता निराश्रितों एवं बुजुर्गों को मासिक पेंशन हेतु सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 343 करोड़, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 190 करोड़ एवं मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 170 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 70 करोड़ एवं सुखद सहारा पेंशन योजना में 98 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना में 12 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। दिव्यांगजनों हेतु माना स्थित विभिन्न संस्थाओं के जर्जर भवनों के स्थान पर सर्वसुविधा युक्त एकीकृत नवीन भवन के निर्माण हेतु नवीन मद में 2 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु हेल्प लाइन की स्थापना एवं उनके भरण-पोषण हेतु नवीन मद में 75 लाख का प्रावधान रखा गया है।सभी पांच संभागीय मुख्यालयों पर आदर्श पुनर्वास केन्द्र की स्थापना हेतु नवीन मद में 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है। मानसिक रोग से उपचारित व्यक्तियों के पुनर्वास एवं प्रशिक्षण के लिए रायपुर एवं दुर्ग में ‘हॉफ वे होम’ की स्थापना हेतु 3 करोड़ 13 लाख का प्रावधान किया गया है। तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु आश्रम सह पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिये बजट में 76 लाख का प्रावधान रखा गया है। यह देश में अपनी तरह का पहला केन्द्र होगा। शहरों का आधुनिकीकरण नगरीय क्षेत्रों में सुशासन की स्थापना एवं आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था हेतु राज्य सरकार द्वारा कई अभिनव पहल की गई है।विभिन्न शासकीय सेवाओं की घर पहुंच सेवा के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना में 10 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेन्स एवं दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। इसके माध्यम से निःशुल्क परीक्षण, उपचार एवं दवाई वितरण की सुविधा दी जा रही है। वर्ष 2021-22 के बजट में भी 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।स्वच्छता दीदियों को समर्पित करते हुए उनके मानदेय को 5 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपये किया गया है। शहरी निर्धन परिवारों को बेहतर आवास उपलब्ध कराने हेतु ”मोर जमीन-मोर मकान“ तथा ”मोर मकान-मोर चिन्हारी“ योजनाओं में सबके लिए आवास योजना के तहत 2021-22 में 457 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्यों के लिए 482 करोड़, तथा जल आवर्धन योजनाओं के लिए 120 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव शर्मा

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