प्रवासी कामगारों ने कहा-केंद्र सरकार हमें यही रोजगार दे तो हम दूसरे प्रदेशों की जगह यही काम करना पसंद करेंगे
प्रवासी कामगारों ने कहा-केंद्र सरकार हमें यही रोजगार दे तो हम दूसरे प्रदेशों की जगह यही काम करना पसंद करेंगे

प्रवासी कामगारों ने कहा-केंद्र सरकार हमें यही रोजगार दे तो हम दूसरे प्रदेशों की जगह यही काम करना पसंद करेंगे

रांची, 25 जून ( हि.स.)। केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से लाखों की संख्या में घर वापसी कर रहे प्रवासी कामगारों को सशक्त बनाने और उन्हीं के क्षेत्रों/गांवों में आजीविका के अवसर मुहैया करने के लिए 20 जून को प्रधानमंत्री के आह्वान पर गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत देशभर के 06 राज्यों के 116 ऐसे जिलों को चिन्हित किया गया जहां सबसे अधिक करीब दो तिहाई, प्रवासी मजदूर लौटे हैं, वही इस अभियान को चलाया जाएगा। झारखंड के तीन जिलों-हजारीबाग, गोड्डा और गिरिडीह को इसके तहत चुना गया है। हजारीबाग जिले के मेरू पंचायत के रहने वाले हैं। लॉकडाउन के पहले वह मुंबई के एक मॉल में काम करते थे। लेकिन संक्रमण बढ़ने के कारण और बेरोजगारी की वजह से घर वापस आना पड़ा। उनका भी चयन गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत हुआ है इस पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि अगर हमें यही रोजगार भी मिल जाए तो ज्यादा खुशी होगी, हमें फिर बाहर नहीं जाना पड़ेगा । आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि पत्र सूचना कार्यालय रांची की टीम अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह की अध्यक्षता में हजारीबाग जिले के मेरू गांव, दारू प्रखंड के बड़वार गांव, चुरचू प्रखंड के चरही गांव में बाहर से लौटने वाले प्रवासी कामगारों से गरीब कल्याण रोजगार अभियान के संबंध में उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए भी गई थी। इस अभियान के तहत सामुदायिक स्वच्छता केन्द्र (सीएससी) का निर्माण, मवेशी घरों का निर्माण, ग्राम पंचायत भवन का निर्माण, पोल्ट्री शेड्स का निर्माण, 14वें एफसी कोष के तहत कार्य, बकरी शेड का निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यों का निर्माण, जल संरक्षण और फसल कटाई कार्य, पौधारोपण कार्य, कुओं को निर्माण, ग्रामीण आवासीय कार्यों का निर्माण, बागवानी, जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी), आदि जैसे कई क्षेत्रों में काम होगा। इन विविध प्रकार के कार्यों के समूह से सुनिश्चित होगा कि हर प्रवासी कामगार को आने वाले 125 दिन में उसके कौशल के आधार पर रोजगार के अवसर मिले। मो. तौकीर अंसारी पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, महाराष्ट्र - खासकर मुंबई और पुणे, में कोरोना संक्रमण अत्यधिक फैलने की वजह से वे अभी लॉकडाउन के समय अपने गांव मेरू, हजारीबाग लौटे हैं। गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत हजारीबाग में किए जा रहे कार्यों से इन्हें काफी उम्मीद और खुशी है कि इन्हें अपने गृह जिले या राज्य में ही रोजगार मिल जाएगा। हालांकि कुछ कामगारों का यह भी कहना है कि उन्हें उनकी स्किल के तहत काम दिया जाता तो बेहतर होता। हिंदुस्थान समाचार /विनय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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