शहीद सिदो कान्हो केवंशज स्व रामेश्वर मुर्मू की हत्या की जांच सीबीआई से हो. :डॉ अरुण उरांव
शहीद सिदो कान्हो केवंशज स्व रामेश्वर मुर्मू की हत्या की जांच सीबीआई से हो. :डॉ अरुण उरांव

शहीद सिदो कान्हो केवंशज स्व रामेश्वर मुर्मू की हत्या की जांच सीबीआई से हो. :डॉ अरुण उरांव

रांची, 24 जून ( हि.स.)। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ अरुण उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में आदिवासियों के प्रति थोड़ी भी संवेदना है तो झारखंड के वीर सपूत एवम अमर स्वतंत्रता सेनानी शहीद सिदो-कान्हू के छठवें पीढ़ी के वंशज स्व रामेश्वर मुर्मू की नृशंश हत्या की सीबीआई जांच की अनुशंसा राज्य सरकार करे। उरांव ने बुधवार संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 12 जून को हुई हत्या की इस घटना में राज्य प्रशासन की जो भूमिका है उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन उस घोड़े की तरह है जो अपने सवार के इशारे पर अपनी चाल बढ़ाता है। उन्होंने कहा राज्य प्रशासन की धीमी जांच ने यह साबित किया है कि राज्य सरकार की मंशा सिर्फ लीपापोती की है। उरांव ने कहा ऐसे महापुरुष के वंशज की हत्या पर एफआईआर दर्ज होने में पांच दिन लग जाते है।10 दिनों तक पुलिस नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं कर पाती है जबकि स्व मुर्मू की पत्नी ने अपने फर्द बयान में अभियुक्त के नाम सहित घटना का पूरा उल्लेख किया है। उरांव ने कहा कि इतने दिनों के बाद अपराधी का समर्पण यह बताता है कि प्रशासन अभियुक्त को कितना मदद पहुचा रही है। उन्होंने अभियुक्त को रिमांड पर लेकर कड़ाई से पूछताछ की मांग की। डॉ अरुण ने कहा कि यह सरकार तोहफा नहीं बल्कि आदिवासियों की हत्यारी सरकार है। सरकार गठन के साथ चाईबासा में आदिवासियों की नृशंश हत्या,सरकार के 100 दिन पर सिसई में हत्या और फिर छठे महीने सिदो- कान्हो के वंशज की हत्या यह प्रमाणित करता है कि आदिवासी समाज इस सरकार में कितना सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सत्त्ताधारी दल एवम सरकार के द्वारा इसपर निन्दा के बयान भी नहीं दिया जाना उनकी मंशा को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की हत्या भी हो रही और लोग भूख से भी मरने को विवश है।केंद्र सरकार ने भरपूर अनाज दिया पर राज्य सरकार उसे गरीबों तक पहुचने में विफल है। प्रवासी आदिवासी मजदूर पैदल लौटने को मजबूर हुए और सरकार के मंत्री तुष्टिकरण करते हुए अपने क्षेत्र में बस से बांग्लादेशियों को भेजते रहे। उन्होंने स्व मुर्मू के परिवार को 10 लाख का मुआबजा,सरकारी नौकरी देने की भी मांग की। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवम सांसद समीर उरांव ने कहा कि यह सरकार अपराधियों को दंड देने में भी तुष्टिकरण कर रही। समीर ने कहा कि भोगना डीह में सिदो- कान्हू की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने में भी समुदाय विशेष के लोगों का हाथ था। यह मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र है, फिर भी अपराधी बेखौफ है,क्योंकि इनके लिय तुष्टिकरण सर्वोपरि है। यह सरकार जन जाति समाज को अपना वोट बैंक समझ रही है। उन्होंने कहा कि शहीद के गांव में भी आदिवासी के बहन बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है। स्व रामेश्वर मुर्मू की हत्या भी छेड़खानी का विरोध करने पर ही धमकी देकर की गई है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश जी ने भोगना डीह की घटना की जांच केलिय पार्टी की जो कमिटी बनाई है वो 26 जून को घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार से मिलेगी तथा जांच रिपोर्ट को सौपेगी । हिंदुस्थान समाचार /विनय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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