‘हमारी दुर्दशा देखकर हमारे बच्चे किसान नहीं बनना चाहते’ : आंदोलनकारी किसान
‘हमारी दुर्दशा देखकर हमारे बच्चे किसान नहीं बनना चाहते’ : आंदोलनकारी किसान

‘हमारी दुर्दशा देखकर हमारे बच्चे किसान नहीं बनना चाहते’ : आंदोलनकारी किसान

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) सर्द हवाओं को झेलते हुए अपनी मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली की सीमा पर लंबी लड़ाई की तैयारी में जुटे हजारों किसानों में से कुछ ने कहा कि उनकी दुर्दशा देखकर उनके बच्चे अब खेती को अपनाने की इच्छा नहीं रखते। हसीब अहमद, जो क्लिक »-www.ibc24.in

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