वित्त मंत्री ने कहा, सीपीएसई अपने पूंजीगत व्यय का 75 फीसदी दिसम्बर तक करें खर्च
वित्त मंत्री ने कहा, सीपीएसई अपने पूंजीगत व्यय का 75 फीसदी दिसम्बर तक करें खर्च

वित्त मंत्री ने कहा, सीपीएसई अपने पूंजीगत व्यय का 75 फीसदी दिसम्बर तक करें खर्च

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़े केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) से वित्त वर्ष 2020-21 के योजनाबद्ध पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का 75 फीसदी दिसम्बर तक पूरा करने के लिए कहा है। वित्त मंत्री का सीपीएसई से सोमवार को ये आह्वान करने का उद्देश्य कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा प्रदान करना है। वित्त मंत्री ने कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिवों और इनसे जुड़े 14 केंद्रीय लोक उपक्रमों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के साथ यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में उनसे पूंजीगत योजनाओं पर काम को तेज करने की अपील की। सीतारमण ने कहा कि इसका मकसद कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करना है। सीपीएसई के सीएमडी के साथ आयोजित बैठक में वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष के पूंजीगत व्यय के जायजा के लिए आयोजित बैठक में कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में आर्थिक प्रगति की रफ्तार को तेज करने पर भी जोर दिया। निर्मला सीतारमण की विभिन्न भागीदारों के साथ यह चौथी बैठक थी। वित्त मंत्री ने इस बैठक के दौरान कहा कि सीपीएसई का कैपेक्स आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसके स्तर को वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए बढ़ाया जाना जरूरी है। वित्त वर्ष 2019-20 में इन सार्वजनिक क्षेत्र के 14 उद्यमों (सीपीएसई) के पूंजी व्यय के 1,11,672 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 1,16,323 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल हुआ है, जो कि 104 फीसदी है। वित्त वर्ष 2019-20, एच-1 उपलब्धि 43,097 करोड़ रुपये (39 फीसदी) रही और वित्त वर्ष 2020-21 में एच-1 उपलब्धि 37,423 करोड़ रुपये (32 फीसदी) रही। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) लक्ष्य 1,15,934 करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री ने सम्बंधित सचिवों से कहा कि वे सीपीएसई के कार्य निष्पादन की बारीकी से निगरानी करें, ताकि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही के अंत में पूंजीगत व्यय को पूंजी परिव्यय के 75 फीसदी तक लाना सुनिश्वित किया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए समुचित योजना बनाई जानी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर-hindusthansamachar.in

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