बैंक ऋण पुनर्गठन के लिए स्वतंत्र, लेकिन किश्त स्थगन के लिए कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते: न्यायालय
बैंक ऋण पुनर्गठन के लिए स्वतंत्र, लेकिन किश्त स्थगन के लिए कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते: न्यायालय

बैंक ऋण पुनर्गठन के लिए स्वतंत्र, लेकिन किश्त स्थगन के लिए कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते: न्यायालय

नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि बैंक ऋण पुनर्गठन के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन वे कोविड-19 महामारी के दौरान किश्तों को स्थगित करने (मोरेटोरियम) की योजना के तहत ईएमई भुगतान टालने के लिए ब्याज पर ब्याज लेकर ईमानदार कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते। क्लिक »-www.ibc24.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in