टिकटॉक और शेयर चैट के बिजनेस को खरीदेगा माइक्रोसॉफ्ट, कर ली है पूरी तैयारी
टिकटॉक और शेयर चैट के बिजनेस को खरीदेगा माइक्रोसॉफ्ट, कर ली है पूरी तैयारी

टिकटॉक और शेयर चैट के बिजनेस को खरीदेगा माइक्रोसॉफ्ट, कर ली है पूरी तैयारी

नई दिल्ली 7 अगस्त (हि.स.). टिकटॉक ने शॉर्ट वीडियो का एक बड़ा बाजार दुनिया में तैयारी किया है। लेकिन डेटा प्राइवेसी के कारण अब टिकटॉक को ही ये बाजार छोड़ना पड़ रहा है। एक-एक कर लगभग हर देश इस एप को बैन कर रहा है। टिकटॉक को बैन करने का एक मुख्य कारण इस एप का चीनी होना भी है। टिकटॉक एक चीनी कंपनी है, ये अपना सारा डेटा चीन में स्टोर करती है। जिसके कारण ज्यादातर देशों को ऐसा लगता है कि उनका डेटा उनके देश से बाहर जाना सही नहीं है. इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। ऐसे में बैन लगने से लगातार कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। खुद के नुकसान से निकाने के लिए टिकटॉक ने एक नया तरीका निकाल लिया है। दरअसल टिकटॉक अपने सारे कारोबार को अमेरिकी टेक जायंट माइक्रोसॉफ्ट को बेचने की तैयारी कर रहा है। इस डील को लेकर लगातार कई दिनों से दोनों की बातचीत चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चाइनीज ऐप का तमगा हटाने के लिए टिकटॉक की पैरंट कंपनी बाइटडांस भी ओनरशिप बेचने के मूड में है। हाल ही में इस डील को लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने कहा गया था कि वह टिकटॉक की पैरंट कंपनी बाइटडांस के साथ इसके अमेरिका, कनाडा, भारत ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड बिजनस को खरीदने को लेकर बातचीत कर रही है। ये डील कितने करोड़ रुपए में हो रही है, इसे लेकर अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो ये डील इसी हफ्ते पूरी हो जाती, लेकिन ट्रंप के आक्रामक रुख के चलते यह डील नहीं हो पाई। ट्रंप चीनी कंपनियों के अमेरिका में आने से खुश नहीं हैं। इसलिए लगातार को चीन और चीनी कंपनियों को लेकर सख्त कदम उठा रहे हैं। ऐसे में खबरें ये भी है कि बाइटडांस टिकटॉक इंडिया को विदेशी कंपनी की जगह देशी निवेशकों के हाथों बेच सकते हैं। अमेरिकी टेक जायंट माइक्रोसॉफ्ट की नजर चाइनीज ऐप टिकटॉक ही नहीं, बल्कि देसी शेयर चैट पर भी है। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन शेयर चैट में 100 मिलियन डॉलर यानी की 750 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। इससे पहले ट्विटर ने शेयर चैट में 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। हिंदुस्थान समाचार/ प्रज्ञा शुक्ला-hindusthansamachar.in

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