कोविड-19 से 12 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स बंद हो गए
कोविड-19 से 12 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स बंद हो गए

कोविड-19 से 12 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स बंद हो गए

कोविड-19 से 12 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स बंद हो गए -70 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स के कारोबार पर असर पड़ा मुंबई, 6 जुलाई (हि.स) देश के उद्योग जगत के सबसे बड़े मंच फिक्की और आईएएन ने एक सर्वे किया है कि कोविड-19 की वजह से जहां देश में 12 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स बंद हो गए हैं वहीं 70 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स के कारोबार पर नेगेटिव असर पड़ा है। सर्वे ने यह भी खुलासा किया है कि 33 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स में जिन इन्वेस्टरों ने इन्वेस्ट कर रखा था उन्होंने और ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने के अपने पूर्व के निर्णय को फिलहाल रोके रखा है और 10 प्रतिशत स्टॉर्ट-अप्स ने निवेश करने के निर्णय को निरस्त कर दिया है। सर्वे के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय कारपोरेट जगत के इन दो सेक्टरों एसएमई और स्टार्ट-अप्स पर सबसे ज्यादा नेगेटिव असर पड़ा है। इन स्टार्ट-अप्स में अधिकांश में चीन की कंपनियों का पैसा वेंचर फंड के रुप में लगा हुआ है और जिस तरह से चीन से माहौल बिगड़ रहा है या व्यापारिक एवं निवेश रिश्तों में खटास पैदा हो रही है उससे स्टार्ट-अप्स को और ज्यादा कठिनाई आ सकती है। भारतीय स्टार्ट-अप्स में अधिकांश युवा हैं जो आईआईटी, आईआईएम से निकले हैं और अपने यूनिक आइडियों को बिजनेस अपोर्प्यूनिटीज में बदल रहे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(फिक्की) और इंडियन एंजल नेटवर्क (आईएएन) ने इस सर्वे में 250 स्टार्ट-अप्स को चुका है। सर्वे का यह भी कहना है कि 60 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स उठा-पटक गति से चल रहे हैं। इनके अनुसार, केवल 22 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स ही एसे हैं जिनके पास अगले 3-6 महीनों के लिए अपनी फिक्सड् कोस्ट निकालने के लिए ही कैश रिजर्व है। सर्वे का कहना है कि यदि यही स्थिति और लंबे समय तक रही तो उन्हें अपना बिजनिस डिवेलपमेंट होल्ड करना पड़ सकता है। क्या किया जाए? फिक्की के सेक्रेटरी जनरल दिलीप चिनॉय का कहना है कि सरकार को इन स्टार्ट-अप्स को तुरंत राहत दी जानी चाहिए जिसमें सरकार से इनके उत्पाद और सर्विस को खरीदने में प्राथमिकता दीजाए, कर राहत और टैक्स रिफंड में तेजी की जाए। कुछ दिन पहले बात आई थी कि एसएमई का सरकारी उपक्रमों पर 5 लाख करोड़ रुपये का बकाया है। इनके अलावा इन स्टार्ट-अप्स को सरकारी ग्रांट, रियायती ब्याज दरों पर लोन देना चाहिए। स्टार्ट-अप्स में बिहार के बहुत युवा हैं। स्टार्ट-अप्स कोविड-19 के बाद हैल्थकेयर, एजुकेशन, फाइनैंशियल टेकनोलॉजी और कृषि में अपने आईडियों को जमीन पर उतार रहे हैं। -आईएएन की प्रेजिडेंट पद्मजा रुपारेल का कहना है कि आईएए जो स्वयं एक इन्वेस्टर हैं ने अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों की सहायता के लिए एक डेट फंड की घोषणा की है। -वहीं टूब्रोस्टार्ट के फाउंडर गणेश राजू ने कहा है कि यह महामारी अप्रत्याशित है इसलिए स्टार्ट-अप्स को स्टार्ट-अप्स को अपने बिजनिस मॉडल की समीक्षा करनी चाहिए और पूंजी जुटाने के नए विकल्प खोजने चाहिए’। हि.स-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in