एक दर्जन और सेक्टर को मिल सकता है प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव, मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार करेगी नीतिगत बदलाव
एक दर्जन और सेक्टर को मिल सकता है प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव, मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार करेगी नीतिगत बदलाव

एक दर्जन और सेक्टर को मिल सकता है प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव, मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार करेगी नीतिगत बदलाव

मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। अब सरकार 12 और सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की घोषणा कर सकती है। मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई नीतिगत बदलाव भी करने जा रही है ताकि कारोबारियों को स्थिर माहौल मिल सके। सरकार 5 लाख हेक्टेयर जमीन का एक लैंड बैंक पोर्टल भी जारी करने जा रही है। औद्योगिक संगठन सीआईआइ के एक कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं एक्टिव फार्मा इंग्रिडिएंट्स (API) की तरह 12 बड़े सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव देने की तैयारी की जा रही है। गत मार्च महीने में इलेक्ट्रॉनिक्स व एपीआई के लिए 60,000 करोड़ रुपए से अधिक के पीएलआइ की घोषणा की गई थी। पीएलआइ के तहत वस्तुओं के उत्पादन में इंक्रिमेंटल बढ़ोत्तरी पर सरकार उत्पादन करने वाली कंपनियों को इंसेंटिव देती है। कार्यक्रम के दौरान गोयल ने यह भी कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार जल्द ही लैंड बैंक पोर्टल लॉन्च करने जा रही है जिसके लिए 5 लाख हेक्टेयर जमीन की पहचान कर ली गई है। इस पोर्टल के जरिए ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध जमीनों को देखा जा सकता है। छह राज्य इस लैंड बैंक में अपनी जमीन देने के लिए तैयार हो गए हैं। अन्य राज्यों से भी इस सिलसिले में बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश की तरह अन्य राज्यों को अपने श्रम कानून को आसान बनाने के लिए प्रेरित कर रही है। उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल के लिए उद्योग पर श्रम कानून प्रभावी नहीं होगा। गोयल ने कहा कि कारोबार करने के लिए नीतिगत स्थिरता का होना जरूरी है और सरकार कारोबारियों को इस प्रकार का माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उद्योग जगत से उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कहा, जहां नीतिगत स्थिरता की आवश्यकता है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जिन सेक्टर को सरकार पीएलआइ दे सकती है कि उनमें मुख्य रूप से फूड प्रोसेसिंग, लेदर व लेदर उत्पाद, टेक्सटाइल, फर्नीचर, इंडस्ट्रीयल मशीनरी, एग्रो केमिकल्स, आर्गेनिक फार्मिग, ऑटो पार्ट्स, मास्क, सेनिटाइजर, कवरऑल्स, वेंटिलेटर्स शामिल हैं। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय जल्द ही कारोबार शुरू करने के लिए जरूरी सभी मंजूरी के लिए सिंगल विंडो ला सकता है। एक निश्चित समय में इस विंडो से मंजूरी नहीं मिलने पर आवेदन को मंजूर समझा जाएगा।-newsindialive.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in