us-government-preparing-to-file-lawsuit-against-google-over-crown-jewels---report
us-government-preparing-to-file-lawsuit-against-google-over-crown-jewels---report

अमेरिकी सरकार गूगल के खिलाफ क्राउन ज्वेल्स को लेकर मुकदमा दायर करने की तैयारी में -रिपोर्ट

न्यूयॉर्क, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। गूगल का डिजिटल विज्ञापन व्यवसाय एक बार फिर विवाद में है। पोलिटिको और ब्लूमबर्ग की नई रिपोटरें के अनुसार, अमेरिकी सरकार कथित तौर पर गूगल के क्राउन ज्वेल्स के खिलाफ एक एंटी ट्रस्ट मुकदमा कर रही है। पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल विज्ञापन तकनीकी जांच फिनिश लाइन के करीब है। उसी रिपोर्ट के अनुसार, अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड के साथ अंतिम कॉल करना उनकी डिप्टी - भारतीय अमेरिकी वनिता गुप्ता होगी। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका में ऑनलाइन प्रदर्शन विज्ञापन स्थान का 85 प्रतिशत से अधिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर वास्तविक समय में खरीदा और बेचा जाता है, जहां गूगल शीर्ष ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और मुख्य माध्यम दोनों का संचालन करता है जिसके माध्यम से खरीदारों और विक्रेताओं को व्यापार के लिए जाना चाहिए। पहली तिमाही 2020 तक,गूगल संपत्तियों में जाने वाले विज्ञापन राजस्व का हिस्सा बढ़कर 85 प्रतिशत हो गया। 2007 में यह संख्या 64 प्रतिशत थी। विज्ञापन राजस्व में गूगल के 134 बिलियन डॉलर का शेर का हिस्सा गूगल के स्पिनऑफ में चला गया। अब एक साल से अधिक समय से, अमेरिकी न्याय विभाग, संघीय व्यापार आयोग और अमेरिकी कांग्रेस बड़ी तकनीकी कंपनियों की व्यापक एंटीट्रस्ट जांच कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप मामलों का ढेर रहा है। अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अपनी जांच में उद्धृत 121-पृष्ठ शीर्षक व्हाई गूगल डोमिनेट एडवरटाइजिंग मार्केट्स मे डॉ. दीना श्रीनिवासन का कहना है कि गूगल ऐसे आचरण में शामिल है जिसे कानून निमार्ता अन्य इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग बाजारों में प्रतिबंधित करते हैं। अक्टूबर 2020 में वापस, ट्रम्प प्रशासन ने गूगल के खिलाफ पहला बड़ा झटका दिया था। सिलिकॉन वैली की सबसे शक्तिशाली कंपनियों में से एक के खिलाफ स्मारकीय मामला था। अमेरिका ने गूगल पर यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया कि वह अवैध रूप से सर्च बाजार में एकाधिकार बनाए हुए है। उस समय गूगल की प्रतिक्रिया निश्चित रूप से समान था, न्याय विभाग द्वारा आज का मुकदमा बहुत ही त्रुटिपूर्ण है। लोग गूगल का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि वे चुनते हैं - इसलिए नहीं कि उन्हें मजबूर किया जाता है, क्योंकि उन्हें और कोई विकल्प नहीं मिलते हैं। --आईएएनएस एनपी/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in