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यूपी: एमएसएमई का निर्यात 38 फीसदी बढ़ा

लखनऊ, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) ने निर्यात में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है क्योंकि सरकार ने उन्हें ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर एक प्लेटफॉर्म दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमएसएमई) नवनीत सहगल ने कहा कि राज्य में देश के लगभग 15 प्रतिशत एमएसएमई और 1,000 से अधिक सूक्ष्म इकाइयां विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर हैं, जिसके कारण राज्य से एमएसएमई का निर्यात 38 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा, विभाग कारीगरों और सूक्ष्म उद्यमों को क्लाउड सेवा प्रदाता नेटवर्क के साथ वैश्विक ई-मार्केट स्थानों से जोड़ने के लिए कई उपाय कर रहा है। अमेजन इंडिया के निदेशक (वैश्विक व्यापार) अभिजीत कामरा ने कहा कि एमएसएमई की कुल हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निर्यात के नए चैनलों का फायदा उठाने की आवश्यकता है। यह वह जगह है जहां ई-कॉमर्स लाखों एमएसएमई के लिए सीमा पार व्यापार को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमने 2015 में अमेजन ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम लॉन्च किया ताकि भारतीय एमएसएमई को ई-कॉमर्स निर्यात के माध्यम से बढ़ने और स्केल करने में मदद मिल सके। आज इस कार्यक्रम में 70,000 से अधिक भारतीय निर्यातक हैं और कुल मिलाकर निर्यात में 3 अरब अमरीकी डॉलर को पार कर गया है। हजारों भारतीय एमएसएमई और उद्यमी खिलौने, आयुर्वेद, परिधान, चाय, चमड़ा, गहने आदि के लिए सफल वैश्विक ब्रांड के रूप में सामने आए हैं। कामरा ने कहा, निर्यात के पारंपरिक चैनलों की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक छोटे व्यवसायों की प्रक्रिया में भाग लेने और वैश्विक मूल्य सीरीज का हिस्सा बनने में असमर्थ होना है। ये ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए विदेशी बाजारों तक पहुंचने के लिए एक समान अवसर पैदा करता है। सी.पी. गुप्ता, अध्यक्ष, सीआईआई उत्तर प्रदेश राज्य परिषद ने एक बयान में कहा कि भारतीय एमएसएमई उत्पादों के लिए एक मजबूत ब्रांडिंग और विपणन रणनीति की आवश्यकता है, विशेष रूप से सूक्ष्म, ट्राइबल और ग्रामीण उद्यमों द्वारा बनाई गई हो। --आईएएनएस एसएस/आरजेएस

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