there-is-no-shortage-of-coal-in-the-country-the-center-should-assure-that-there-is-no-blackout-cpim
there-is-no-shortage-of-coal-in-the-country-the-center-should-assure-that-there-is-no-blackout-cpim

देश में कोयले की कमी नहीं, केंद्र आश्वस्त करे कोई ब्लैकआउट न हो : सीपीआईएम

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पार्टी ने केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाया। कहा, निजीकरण-विनियमन गंभीर समस्या, देश में कोयले की कोई कमी नहीं है। केंद्र आश्वस्त करे, देश में कोई ब्लैकआउट न हो। सीपीआईएम ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि राष्ट्रीय संपत्ति की बिक्री लूट के बराबर है। सभी केंद्रीय संपत्तियों / सार्वजनिक उपक्रमों का व्यापक निजीकरण किया जा रहा है और जिनका अब तक नहीं किया गया है उनके लिए तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन, स्ट्रक्च रल एसेट्स/ मशीनरीज टू प्राइवेट कॉरपोरेट्स या हाल ही में जिस तरह से टाटा को एयर इंडिया मुफ्त उपहार दे दी गई। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण में सुविधा हो इसके लिए पहले ही बैंक राष्ट्रीयकरण अधिनियम संशोधन बिल ला चुकी है। सीपीआईएम के अनुसार पार्टी केंद्र की इन नीतियों और कदमों के खिलाफ विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेड यूनियन आंदोलन कर रही है। इसके साथ ही सेंट्रल ट्रेड यूनियन इन मुद्दों पर देशव्यापी संघर्ष शुरू करने की तैयारी में है। पार्टी की केंद्रीय समिति ने अपनी बैठक में मजदूर वर्ग को इन मुद्दों पर एकजुट करने के लिए देशव्यपी संघर्ष करने का निर्णय लिया है। वहीं बिजली की कीमतों को विनियमित करने को लेकर सीपीआईएम ने सोमवार को प्रेसवार्ता में केंद्र पर आरोप लगाया कि निजी कंपनियों के स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन इकाइयां जोकि विशेषतौर पर केवल आयातित कोयले पर ही निर्भर हैं। उन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार, बिजली की प्रति यूनिट उच्च दर बढ़ाकर उपभोक्ताओं पर अंतरराष्ट्रीय कोयले की कीमतों में वृद्धि का बोझ डाल रही हैं। जबकि देश में घरेलू कोयले की कोई कमी नहीं है। इस तरह से निजीकरण, विनियमन और कोयला। मोदी सरकार द्वारा बिजली/ऊर्जा क्षेत्र के कुप्रबंधन ने यह संकट पैदा किया है। यह भी बेहद गंभीर हो रहा है। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार की ये जिम्मेदारी है, इसका खामियाजे के तौर पर आम जनता की बिजली कटौती न की जाए। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई बिजली ब्लैकआउट न हो जो पहले से मुश्किल में लोगों पर और अधिक परेशानी में ड़ाल देगा। इसका आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। --आईएएनएस पीटीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in