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सेबी ने डीलिस्टिंग मानदंडों के तहत व्यापार की पंक्ति को परिभाषित किया

मुंबई, 6 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) एक योजना की व्यवस्था के माध्यम से गैर-सूचीबद्ध होने की योजना बना रही सहायक कंपनियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लेकर आया है, जिसमें सूचीबद्ध मूल होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध अनुषंगी व्यवसाय की एक ही पंक्ति में हैं। पूंजी बाजार नियामक ने व्यापार की एक ही पंक्ति को परिभाषित करते हुए कहा कि सूचीबद्ध होल्डिंग और सूचीबद्ध सहायक कंपनी के संचालन से कम से कम 50 प्रतिशत राजस्व कंपनी द्वारा प्रस्तुत पिछले लेखापरीक्षित वार्षिक वित्तीय परिणामों के अनुसार व्यवसाय की एक ही पंक्ति से आना चाहिए। परिणाम सेबी (एलओडीआर) विनियम, 2015 के अनुपालन में दोनों कंपनियों ने प्रस्तुत किए। इसके अलावा, सूचीबद्ध होल्डिंग और सूचीबद्ध सहायक कंपनी की शुद्ध मूर्त संपत्ति का कम से कम 50 प्रतिशत दोनों कंपनियों द्वारा प्रस्तुत पिछले लेखा परीक्षित वार्षिक वित्तीय परिणामों के अनुसार व्यापार की एक ही पंक्ति में निवेश किया जाना चाहिए। सूचीबद्ध संस्थाओं के नाम में परिवर्तन के मामले में, पिछले एक वर्ष के भीतर, राजस्व का कम से कम 50 प्रतिशत, जो कि एक पुन: स्थापित और समेकित आधार पर गणना की जाती है, पिछले एक पूरे वर्ष के लिए उसके द्वारा बताई गई गतिविधि से अर्जित किया जाना है। सेबी के सर्कुलर में कहा गया है, सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध सहायक कंपनी को दोनों कंपनियों के एक ही व्यवसाय में होने के संबंध में एक स्व-प्रमाणन प्रदान करना होगा। सेबी (इक्विटी शेयरों को असूचीबद्ध करना) विनियम, 2021 के विनियम 37(2)(ई) और (एफ) के अनुसार, सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सहायक कंपनी के शेयर कम से कम 3 साल के लिए सूचीबद्ध होंगे और सहायक कंपनी कंपनी 3 साल की अवधि के लिए सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी की सूचीबद्ध सहायक कंपनी होगी। --आईएएनएस एसजीके

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