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लिक्विडिटी को संतुलित करने के लिए जी-सेप संचालन बंद करेगा आरबीआई

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने द्वितीयक बाजार जी-सेक एक्विजिशन प्रोग्राम या जी-एसएपी का परिचालन बंद कर देगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जी-एसएपी बाजार की चिंताओं को दूर करने और सरकार के बड़े उधार कार्यक्रम के संदर्भ में उपज की उम्मीदों को पूरा करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, मौजूदा लिक्विडिटी ओवरहैंग को देखते हुए, जीएसटी मुआवजे के लिए अतिरिक्त उधार लेने की आवश्यकता की अनुपस्थिति, और सिस्टम में तरलता के अपेक्षित विस्तार के रूप में बजट अनुमानों के अनुरूप सरकारी खर्च बढ़ता है। इस समय आगे जी-एसएपी संचालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक, हालांकि, जब भी लिक्विडिटी की स्थिति से आवश्यक जी-एसएपी शुरू करने के लिए तैयार रहेगा और ऑपरेशन ट्विस्ट (ओटी) और नियमित खुले बाजार संचालन (ओएमओ) सहित अन्य तरलता प्रबंधन संचालन को लचीले ढंग से करना जारी रखेगा। दास के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान जी-एसएपी सहित ओएमओ के माध्यम से सिस्टम में इंजेक्ट की गई कुल लिक्विडिटी 2.37 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि पूरे वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.1 लाख करोड़ थी। जी-एसएपी के आसपास के विकास का महत्व इसलिए है क्योंकि बैंकिंग प्रणाली में अतिरिक्त लिक्विडिटी का प्रवाह हो गया है। महामारी की शुरुआत के बाद से, रिजर्व बैंक ने एक त्वरित और टिकाऊ आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए पर्याप्त अधिशेष लिक्विडिटी बनाए रखी है। सितंबर 2021 के दौरान बैंकिंग प्रणाली में अधिशेष लिक्विडिटी का स्तर और बढ़ गया है। यहां तक कि फिक्स्ड रेट रिवर्स रेपो, 14 दिनों के वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (वीआरआरआर) और लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ) के तहत फाइन-ट्यूनिंग ऑपरेशन के तहत अवशोषण के साथ, यह प्रति दिन औसतन लगभग 9 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि इस दौरान 7 लाख करोड़ रुपये प्रति दिन था। 6 अक्टूबर तक अधिशेष लिक्विडिटी और भी बढ़कर 9.5 लाख करोड़ रुपये के दैनिक औसत पर पहुंच गई। इसके अलावा, दास ने कहा कि संभावित तरलता 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

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