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क्रिप्टो करेंसी को लेकर आरबीआई गवर्नर ने जाहिर की प्रमुख चिंताएं

- क्रिप्टो करेंसी से देश की वित्तीय स्थिरता पर पड़ सकता है असरः शक्तिकांत दास - अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करने के लिए नियम और शर्तें बनाएगी सरकार - डिजिटल करेंसी को लेकर तेजी से काम कर रही है आरबीआई की टीम नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स)। क्रिप्टो करेंसी को लकेर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी भारत की वित्तीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है। केंद्रीय बैंक ने अपनी चिंता से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह जानकारी दी। शक्तिकांत दास ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "क्रिप्टो करेंसी को लेकर हमारी कुछ बड़ी चिंताएं हैं, जिसे हमने सरकार को बता दिया है। सरकार इस पर विचार कर रही है। मेरा मानना है कि इस बारे में सरकार जल्द फैसला लेगी। जरूरत पड़ने पर संसद भी इस मसले पर चर्चा कर फैसला ले सकती है। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी अलग है। यह दूसरी बात है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का फायदा उठाया जाना चाहिए लेकिन क्रिप्टो करेंसी को लेकर वित्तीय स्थिरता के लिहाज से हमें काफी चिंता है।" हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया लेकिन, मनी लांड्रिंग और आंतकी गतिविधियों के लिए फंडिंग के वास्ते डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल पर केंद्रीय बैंक पहले भी अपनी चिंता जता चुका है। सरकार क्रिप्टो करेंसी के बारे में संसद में एक विधेयक पेश करने की योजना बना रही है। इसके तहत कंपनियों और निजी तौर पर क्रिप्टो करेंसी खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। सरकार अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करने के लिए नियम और शर्तें बनाने पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2018 में सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से क्रिप्टो करेंसी की खरीद-फरोख्त से जुड़ी सेवाएं देने पर रोक लगा दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए इसपर आरबीआई के निर्देशों को खारिज कर दिया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। आरबीआई की टीम इस पर बहुत तेजी से काम कर रही है कि इसे कैसे और कब लॉन्च करना है। अगर ऐसा होता है तो आरबीआई चीन जैसे दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों की सूची में शुमार हो जाएगा, जहां इस समय डिजिटल युआन पूरी तरह से चलन में है। हिन्दुस्थान समाचार/कुसुम

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