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कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन ने किया विचार

नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)। खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के मुद्दे को दूर करने और थर्मल पावर उत्पादन के कार्बन फुटप्रिंट्सको कम करने के लिए विद्युत मंत्रालय ने बायोमास के कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र उपयोग पर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का फैसला किया है। इस अभ्यास से देश में ऊर्जा संक्रमण को और समर्थन मिलने की उम्मीद है और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने का लक्ष्य है। थर्मल पावर प्लांटों में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य थर्मल पावर प्लांटों से कार्बन न्यूट्रल बिजली उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा पाने के लिए सह-फायरिंग के स्तर को वर्तमान में 5 प्रतिश्त से उच्च स्तर तक बढ़ाना होगा। यह बायोमास पेलेट में सिलिका, अल्कलिस की अधिक मात्रा को संभालने के लिए बॉयलर डिजाइन में आर एंड डी गतिविधि भी करेगा। मिशन बायोमास पेलेट और कृषि अवशेषों की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं को दूर करने और बिजली संयंत्रों तक इसके परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा और बायोमास सह-फायरिंग में नियामक मुद्दों पर विचार करेगा। बिजली मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्र मिशन के संचालन और ढांचे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के साथ ही व्यापक रूपरेखा तय की गई है। मिशन में सचिव (विद्युत) की अध्यक्षता में एक संचालन समिति होगी और इसमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) आदि के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारक शामिल होंगे। प्रस्तावित राष्ट्रीय मिशन की अवधि न्यूनतम 5 साल होगी। मिशन के तहत अनुसंधान एवं विकास, तकनीकी विशिष्टताओं, आपूर्ति श्रृंखला, प्रमाणन और परीक्षण, नियामक मुद्दों पर विभिन्न उप-समूहों का गठन करने का भी प्रस्ताव है। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बायोमास पर प्रस्तावित राष्ट्रीय मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में भी योगदान देगा। --आईएएनएस एसएस/आरजेएस

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