नासिक के बारे में जानकारी - Nashik in Hindi

नासिक के बारे में जानकारी - Nashik in Hindi

नासिक एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, पौराणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शहर है जिसे पूर्व में गुलशनाबाद (Gulshanabad) के रूप में जाना जाता था। महाराष्ट्र राज्य में स्थित नासिक एक प्रमुख तीर्थ स्थान (Pilgrimage Place) है। यहाँ के सुंदर घाट, मंदिर में हर समय मंत्रमुग्ध करने वाली ध्वनि, प्राकृतिक दृश्य, प्राचीन मंदिर आदि पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। नासिक के पर्यटन स्थलों (Tourist Places of Nasik) में कालाराम मंदिर, रामकुंड, त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर आदि मुख्य हैं। आध्यात्मिकता से जुड़े इस शहर की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी एक अहम भूमिका रही। नासिक की शोभा त्यौहारों के दौरान और बढ़ जाती है जब देश- विदेश से आए पर्यटक यहां के उत्सवों में भाग लेते हैं। उत्सवों के दौरान लगने वाले बड़े- बड़े मेले पर्यटकों के मन में सुंदर छवि छोड़ देते हैं।

नासिक के बारे मे -

नासिक में मिलने वाले आभूषण (jewellery) बेहद प्रसिद्ध हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, चांदी की वस्तुएं, तांबे से बनी परंपरागत कलाकृतियां और पीतल की मूर्तियां आदि भी यहाँ से खरीदी जा सकती हैं।

नासिक की यात्रा सुविधाएं -

  • शहर में भ्रमण करते हुए भाग- दौड़ करने से बचें और दर्शनीय स्थलों पर दिए गए नियमों का पालन करें

  • नासिक एक तीर्थ स्थल है इसलिए यहां धूम्रपान, शराब पीने आदि जैसे आदतों पर नियंत्रण रखना चाहिए

  • नासिक में स्ट्रीट फूड और बाहर उपलब्ध पीने के पानी का प्रयोग करने से बचना चाहिए

  • यहाँ घूमते समय गर्म कपड़े ले जाना बिलकुल न भूलें

  • कुंभ मेले के दौरान यहां काफी भीड़ होती है, इसलिए मेले के समय को ध्यान में रखकर घूमने आएं

नासिक का इतिहास -

एक प्रचलित मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान नासिक को अपना निवास स्थान बनाया था। इसके अलावा यही वह स्थान है जहां लक्ष्मण जी ने श्री राम की अनुमती से सूर्पनखा की नाक काटी थी। इसलिए तब से ही इस शहर को नासिक के नाम से जाना जाने लगा। प्राचीनकाल में नासिक सत्वहना राजवंश की राजधानी थी। 16वीं सदी में मुगल शासन ने कब्जा कर इसका नाम गुलशनाबाद रखा। अंत में यहाँ पेशवाओं का राज था, जिसे 19 वीं सदी में अंग्रेजों ने जीत लिया था। 

नासिक की सामान्य जानकारी -

  • राज्य - महाराष्ट्र

  • स्थानीय भाषाएँ - मराठी, हिन्दी और अंग्रेजी। 

  • स्थानीय परिवहन - टैक्सी, कैब, बस और ऑटो रिक्शा।

  • पहनावा -  नासिक के स्थानीय पुरुष धोती के साथ कुर्ता पहनते हैं जिसे फेटा (Pheta) के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही वह रेशम (Silk), कपास (Cotton) और ऊनी (Woolen) से निर्मित टोपी पहनते है। जबकि यहां की महिलाएं साड़ी पहनती हैं। 

  • खान-पान - नासिक शहर अपने शुद्ध शाकाहारी खान-पान के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां मिलने वाला बड़ा पाव लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां के खाने में मराठी संस्कृति की झलक साफ देखी जा सकती है। पर्यटक यहाँ के रेस्तरां में मिलने वाले स्थानीय भोजन के साथ- साथ साउथ इंडियन, चाइनीज, और पंजाबी व्यंजनों का स्वाद भी चख सकते हैं। 

नासिक कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

गांधीनगर हवाई अड्डा (Gandhinagar Airport) नासिक का सबसे निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport to Nasik) है जो मुख्य शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आगे जाने के लिए पर्यटक रिक्शा या ऑटो का प्रयोग कर सकते है। 

  • रेल मार्ग - By Train

नासिक शहर का नजदीकी रेलवे स्टेशन "नासिक रोड रेलवे स्टेशन (Nasik Road railway station)" है जो शहर से तकरीबन 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेश के बाहर टैक्सी, कैब और रिक्शा यात्रियों के उपलब्ध हैं।  

  • सड़क मार्ग - By Road

यदि पर्यटक नासिक सड़क मार्ग द्वारा जाना चाहते हैं तो वह बस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। नासिक शहर सड़क मार्ग द्वारा राज्य के मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।  

नासिक घूमने का समय -

अक्टूबर से फरवरी के बीच का महीना नासिक घूमने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस दौरान वहाँ का मौसम सुहावना होता जो पर्यटन स्थलों के भ्रमण और विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे मछली पकड़ने और नौका विहार का आनंद लेने के लिए एक आदर्श समय है।

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