आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं कि दुनिया के बाकी हिस्सों में खिड़की बंद कर दी जाएः मांडविया
आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं कि दुनिया के बाकी हिस्सों में खिड़की बंद कर दी जाएः मांडविया

आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं कि दुनिया के बाकी हिस्सों में खिड़की बंद कर दी जाएः मांडविया

दधिबल यादव देहरादून, 10 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय जहाजरानी, रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने आज कहा कि भारत आर्थिक रूप से दिग्गज बने, इसके लिए हमें आत्मनिर्भर बनना होगा। वह सीआईआई उत्तरी क्षेत्र द्वारा आयोजित उत्तर भारत के चुनिंदा मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ वर्चुअल प्लेटफार्म पर बातचीत कर रहे थे। मांडविया ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल स्वदेशी नहीं है। स्वदेशी इसके स्तंभों में से एक है। आत्मनिर्भर भारत का तात्पर्य दूसरों पर निर्भरता कम करने से है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दुनिया के बाकी हिस्सों में खिड़की बंद कर दी जाए। हमें भारत में महत्वपूर्ण उत्पादों (जैसे कि फार्मास्युटिकल क्षेत्र में एपीआई) का उत्पादन या निर्माण करने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग को बाजार में बने रहने के लिए प्रतिस्पर्धी बनना होगा। भारतीय उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक लागत को कम करने की आवश्यकता है, जो अन्य देशों की तुलना में भारत में काफी अधिक है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार भारत में अंतर्देशीय जलमार्ग का एक नेटवर्क बना रही है, जो उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम करेगा। मांडविया ने कहा कि भारत ने विदेश नीति और कोरोना कूटनीति के तहत जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति में अन्य राष्ट्रों की मदद की, इससे विश्व स्तर पर भारत की छवि अच्छी हुई है। यह निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक चलाने में मदद करेगा और भारतीयों तथा भारतीय उद्योग को लाभान्वित करेगा। सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष तथा त्रिवेणी टर्बाइन लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक निखिल साहनी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कोरोना ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कड़ी टक्कर दी है। सीआईआई इन कोशिशों के माध्यम से नागरिकों और उद्योग का समर्थन करने के लिए सरकार की पहल की सराहना करता है। महामारी के प्रसार से निपटने में सरकार के दृष्टिकोण को दुनिया भर में प्रशंसा मिली है। प्रधानमंत्री के एक आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने देश और उद्योग के लिए दृष्टिकोण निर्धारित किया है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा और वैश्विक जुड़ाव के आधार पर सीआईआई के काम को एक आत्मनिर्भर भारत के लिए उनकी दृष्टि द्वारा निर्देशित किया जाएगा। आज की इस वर्चुअल परिचर्चा में उत्तर भारत के लगभग 100 सीईओ शामिल हुए। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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