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भारतीय बाजार से निकासी में जुटे विदेशी निवेशक, मई में अब तक साढ़े छह करोड़ निकाले

नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। कोरोना संक्रमण काल में भारतीय शेयर बाजार को जहां घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का पूरा समर्थन मिला है, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बाजार का भट्ठा बैठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सिर्फ मई के महीने में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय शेयर बाजार से 6,427 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। डिपॉजिटरी से मिले 14 मई तक के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मई के महीने में अभी तक भारतीय बाजार से कुल 6,452 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। इसमें 6,427 करोड़ रुपये शेयर बाजार से निकाले गए हैं, जबकि 25 करोड़ रुपये डेट सेगमेंट से निकाले गए हैं। इस तरह से मई के शुरुआती 14 दिन में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से लगभग साढ़े छह करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। धमीजा सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड रंजन गुप्ता के मुताबिक कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में जिस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं, उसके कारण देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका बन गई है। इसके साथ ही लॉकडाउन जैसी इन पाबंदियों के कारण शेयर बाजार में लिस्टेड कई कंपनियों के कारोबार पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपने पैसे को सुरक्षित करने के इरादे से लगातार भारतीय बाजार से पैसों की निकासी करनी शुरू कर दी है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इसके पहले अप्रैल के महीने में भी शेयर बाजार और डेट सेगमेंट को मिलाकर कुल 9,435 करोड़ रुपये की निकासी की थी। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक ये विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से करीब 14 हजार करोड़ रुपये तक की निकासी कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का पैसा फिलहाल आईटी सेक्टर, फार्मा सेक्टर और एफएमसीजी सेक्टर के कुछ चुनिंदा शेयरों में ही लगा हुआ है। अन्य सेक्टर्स से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपना ज्यादातर पैसा निकाल लिया है। रंजन गुप्ता का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण बनी परिस्थिति में विदेशी निवेशको में डर का माहौल बनना स्वाभाविक है। वे भारतीय शेयर बाजार में लाभ कमाने के लिए निवेश करते हैं। ऐसे में भारतीय शेयर बाजार में निगेटिव सेंटीमेंट्स बनने पर उनका अपने पैसे को निकाल लेना हैरतअंगेज नहीं है। दुनियाभर के तमाम शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का यही रवैया होता है। वे भारतीय शेयर बाजार में इसके पहले भी ऐसा करते रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अगर कोरोना के रोकथाम के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान को आने वाले दिनों में गति मिलती है, तो बहुत संभव है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एक बार फिर तेजी से भारतीय बाजार में अपने पैसे का निवेश शुरू कर दें। हिन्दुस्थान समाचार/योगिता

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