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संयंत्र बंद करने के कंपनी के फैसले से फोर्ड इंडिया के कर्मचारी, डीलर मुश्किल में (राउंडअप)

नई दिल्ली/चेन्नई, 9 सितंबर (आईएएनएस)। ऑटोमोबाइल निर्माता फोर्ड इंडिया के अपने दो घरेलू संयंत्रों में विनिर्माण बंद करने के फैसले ने कर्मचारियों और डीलरों को मुश्किल में डाल दिया है। फोर्ड के करीब 4,000 कर्मचारियों के अलावा डीलरशिप में कार्यरत अन्य 40,000 कर्मचारियों के कंपनी के पुनर्गठन से प्रभावित होने की आशंका है। फोर्ड इंडिया 2017 के बाद से जनरल मोटर्स, मैन ट्रक्स, हार्ले डेविडसन और यूएम लोहिया के बाद भारतीय बाजारों से निकलने वाली पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी है, इसके अलावा कई फ्लाई-बाय-नाइट ईवी प्लेयर हैं। फोर्ड के भारत में दो संयंत्र हैं - एक चेन्नई के पास और दूसरा गुजरात के साणंद में। हालांकि, यह भारत में ग्राहकों को पुर्जे, सेवा और वारंटी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। यह अपनी शहर-आधारित फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस टीम का भी विस्तार करेगा और अपने कुछ वैश्विक वाहनों और विद्युतीकृत एसयूवी को बाजार में लाएगा। कंपनी के एक बयान में कहा गया है, योजना के हिस्से के रूप में, फोर्ड इंडिया 2021 की चौथी तिमाही तक साणंद में वाहन असेंबली और चेन्नई में वाहन और इंजन निर्माण को 2022 की दूसरी तिमाही तक बंद कर देगी। फोर्ड इंडिया के अनुसार, पिछले 10 वर्षो में 2 अरब डॉलर से अधिक के संचित परिचालन घाटे और 2019 में 0.8 अरब डॉलर की गैर-ऑपरेटिंग परिसंपत्तियों के पुनर्रचना की जरूरत है, जिससे भारत में एक स्थायी रूप से लाभदायक व्यवसाय बनाने की उम्मीद है। फिगो, एस्पायर, फ्रीस्टाइल, इकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसे मौजूदा उत्पादों की बिक्री मौजूदा डीलर इन्वेंट्री के बिक जाने के बाद बंद हो जाएगी। फोर्ड इंडिया मस्टैंग कूप सहित विभिन्न मॉडलों का आयात और बिक्री शुरू करेगी। फोर्ड मोटर कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ जिम फार्ले ने कहा, हमारी फोर्ड प्लस योजना के हिस्से के रूप में, हम लंबी अवधि में एक स्थायी रूप से लाभदायक व्यवसाय देने के लिए कठिन लेकिन आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं और अपनी पूंजी को सही क्षेत्रों में बढ़ने और मूल्य बनाने के लिए आवंटित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत में महत्वपूर्ण निवेश के बावजूद, फोर्ड ने पिछले 10 वर्षो में 2 अरब डॉलर से अधिक का परिचालन घाटा अर्जित किया है और नए वाहनों की मांग पूवार्नुमान से काफी कमजोर रही है। फोर्ड इंडिया ने कहा कि उसने कई विकल्पों की जांच के बाद ये पुनर्गठन कार्रवाई की, जिसमें साझेदारी, प्लेटफॉर्म शेयरिंग, अन्य ओईएम के साथ अनुबंध निर्माण और अपने विनिर्माण संयंत्रों को बेचने की संभावना शामिल है, जो अभी भी विचाराधीन है। फोर्ड इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अनुराग मेहरोत्रा ने कहा, इन प्रयासों के बावजूद, हम दीर्घकालिक लाभप्रदता के लिए एक स्थायी रास्ता नहीं खोज पाए हैं जिसमें देश में वाहन निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा, वर्षो के संचित नुकसान, लगातार उद्योग की अधिक क्षमता और भारत के कार बाजार में अपेक्षित वृद्धि की कमी के कारण निर्णय को सुदृढ़ किया गया। फोर्ड इंडिया ने कहा, पुनर्गठन से लगभग 4,000 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है। फोर्ड चेन्नई और साणंद में कर्मचारियों, यूनियनों, आपूर्तिकर्ताओं, डीलरों, सरकार और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी, ताकि निर्णय के प्रभावों को कम करने के लिए एक निष्पक्ष और संतुलित योजना विकसित की जा सके। फोर्ड इंडिया निर्यात के लिए इंजन निर्माण का समर्थन करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं का एक छोटा नेटवर्क बनाए रखेगा और वाहन निर्माण को सुचारु रूप से चलाने के लिए अन्य आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर काम करेगा। यूनियन के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, कंपनी ने अपने दो भारतीय संयंत्रों को बंद करने का फैसला किया है। प्रबंधन ने हमारे भविष्य के बारे में हमसे बात नहीं की है। शायद सोमवार को अधिकारी हमसे बातचीत करेंगे। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि फोर्ड इंडिया की घोषणा के बारे में जानकर ऑटो रिटेल बिरादरी हैरान है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा, फोर्ड इंडिया के अध्यक्ष और एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने मुझे व्यक्तिगत रूप से फोन किया और आश्वासन दिया कि वे ग्राहकों को वाहन सेवा की पेशकश जारी रखने वाले डीलरों को पर्याप्त मुआवजा देंगे। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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