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जीएसटी बैठक में हिस्सा लेने वित्तमंत्री पहुंची लखनऊ, 4 दर्जन से अधिक वस्तुओं पर टैक्स दर की समीक्षा संभव

लखनऊ, 17 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में जीएसटी काउंसिल की बैठक की शुरूआत आज हो रही है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने स्वागत किया। इस दौरान चार दर्जन से अधिक वस्तुओं पर टैक्स दर की समीक्षा हो सकती है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी शामिल होंगे। जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद काउंसिल की पहली फिजिकल बैठक है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर विचार किया जा सकता है। इससे पिछली बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। इसमें कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में अहम कई आइटम्स पर जीएसटी रेट्स में कटौती करने का फैसला किया गया था। शुक्रवार की बैठक में इस छूट को और 3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह बैठक आम जनता के लिए भी कई मामले में महत्वपूर्ण है। काउंसिल की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। लखनऊ के होटल ताज में इस दो दिवसीय बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार हो सकता है। काउंसिल में इस बारे में सहमति बनती है तो इससे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी कमी देखने को मिल सकती है। यह मुद्दा सार्वजनिक बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है। इस पर कोर्ट ने सरकार को विचार करने को कहा था। जीएसटी सिस्टम में किसी भी बदलाव के लिए तीन-चैथाई सदस्यों की सहमति जरूरी है। कई राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर इसको जीएसटी के दायरे में लाया गया तो राज्य के राजस्व जुटाने का एक अहम जरिया केंद्र सरकार के पास चला जाएगा। अभी अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की दर अलग-अलग है। अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पूरे देश में इस पर समान टैक्स लगेगा। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। बैठक में जोमैटो तथा स्विगी जैसे खाद्य डिलीवरी ऐप को रेस्टोरेंट के रूप में मानने और उनकी डिलीवरी पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार होगा। --आईएएनएस विकेटी/आरजेएस

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