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मुख्यमंत्री शिवराज ने की सीहोर जिले में कोविड की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा (एक)

भोपाल, 28 मई (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ गई है। जन-प्रतिनिधियों, शासकीय सेवकों तथा आम नागरिकों के समन्वित प्रयासों से यह संभव हो पाया है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट निरंतर घटता जा रहा है। लगातार कम हो रहे कोरोना संक्रमण में थोड़ी सी लापरवाही भी पूरे प्रयासों को प्रभावित कर सकती है, इसलिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है। राज्य सरकार प्रत्येक पीड़ित परिवार की हरसम्भव मदद करेगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कही। वे शुक्रवार सीहोर के जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले में कोविड की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एक जून से चरणबद्ध तरीके से अनलॉक किया जाएगा। इसके लिए जिला, जनपद, ग्राम और वार्ड स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य तय करेंगे कि क्या-क्या खोला जाए और किस सीमा तक छूट प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया जाए। शादी, समारोह आदि भीड़-भाड़ वाले आयोजनों को टालें। मुख्यमंत्री ने कोविड नियंत्रण के लिए प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में जन-प्रतिनिधियों एवं प्रशासन के समन्वित प्रयासों ने कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोक लगाई है। उन्होंने सक्रिय भूमिका के लिए सभी जन-प्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारी, सामाजिक संगठनों और मैदानी अमले को बधाई दी। बैठक में सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, देवास सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी सहित अन्य विधायक तथा जन-प्रतिनिधियों ने अनलॉक के लिए सुझाव दिए। ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करें मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जाए। क्षेत्रवार कार्य-योजना बनाकर मोबाइल टेस्टिंग भी की जाए। उन्होंने सीहोर जिले में 1700 से अधिक टेस्टिंग जारी रखने के लिये कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक मरीज की जान बचाने के पूरे प्रयास किए जाएं। वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड्स में भर्ती प्रत्येक मरीज की सघन मॉनिटरिंग करें। कान्टेक्ट ट्रेसिंग एवं माइक्रो कंटेनमेंट जोन में सघन निगरानी मुख्यमंत्री शिवराज ने इस दौरान यह भी कहा कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों का कान्टेक्ट ट्रेसिंग के जरिये चिन्हांकन कर कोरोना टेस्ट किया जाए। इससे संक्रमण को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक संक्रमण वाले ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। ऐसे क्षेत्रों में प्रशासन पूरी ताकत से सर्दी, खांसी एवं बुखार के मरीजों की पहचान कर तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराकर इलाज कराये। इस कार्य में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप सक्रिय भूमिका निभाएं। संक्रमित व्यक्तियों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था परफेक्ट हो। घरों में पर्याप्त स्थान नहीं होने की दशा में कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाए। तीसरी लहर के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें। कोरोना प्रोटोकाल का इतनी सख्ती से पालन किया जाए कि तीसरी लहर आए ही नहीं। ऑक्सीजन बेड्स और आईसीयू बेड्स बढ़ाए जाएं। ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पर राज्य सरकार अनुदान और बिजली शुल्क में रियायत देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज की भी समुचित व्यवस्थाएं सरकार द्वारा की जा रही हैं। ब्लैक फंगस के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस की जांच के लिए व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। किल-कोरोना अभियान लगातार जारी रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि किल-कोरोना अभियान लगातार जारी रखा जाए। सर्दी, खांसी, जुकाम से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पहचान कर उसे तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। आवश्यकतानुसार इलाज की व्यवस्था की जाए। कोरोना के लक्षणों को पहचानने और इलाज आरंभ करने में विलम्ब नहीं हो। जो कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं उनका बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। मरीज की जान बचाने की हरसंभव कोशिश की जाए। वैक्सीन का एक भी डोज व्यर्थ न जाए। मुख्यमंत्री का कहना यह भी था कि वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा टीकाकरण के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर किया जाये और लोगों में जागरूकता लायी जाए। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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