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केंद्र ने बिजली वितरण योजना के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए

नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार एक बार फिर पावर सेक्टर के समर्थन में सामने आई है, जो वित्तीय और सुधार पैकेजों की कई किस्तों के बावजूद आर्थिक रूप से काफी त्रस्त रहा है। कोविड-19 व्यवधानों के मद्देनजर आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करते हुए, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पावर सेक्टर के लिए सौगात पेश की। वित्तमंत्री ने कहा कि सुधार आधारित परिणाम से जुड़ी बिजली वितरण योजना के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। यह राशि डिस्कॉम (राज्य के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों) को अधिक बुनियादी ढांचा बनाने और मौजूदा प्रणालियों को अपग्रेड करने में सहायता करेगी। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 97,631 करोड़ रुपये होगी। डिस्कॉम को वित्तीय सहायता की नई योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचे का निर्माण, प्रणालियों का उन्नयन, क्षमता निर्माण और प्रक्रिया में सुधार करना होगा। इस योजना में एक आकार सभी के लिए उपयुक्त के स्थान पर राज्य विशिष्ट हस्तक्षेप होगा। योजना के तहत 25 करोड़ स्मार्ट मीटर, 10,000 फीडर, 4 लाख किमी एलटी ओवरहेड लाइन की योजना बनाई जाएगी। उद्देश्य की एकरूपता लाने के लिए आईपीडीएस, डीडीयूजीजेवाई और सौभाग्य के चल रहे कार्यों को इस योजना में मिला दिया जाएगा। योजना के तहत कुल आवंटन 3,03,058 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें केंद्रीय हिस्सा 97,631 करोड़ रुपये है। इस योजना के साथ, राज्यों को चार साल के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत सालाना (2021-22 के लिए 1,05,864 करोड़ रुपये) तक अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी गई है, जो निर्दिष्ट बिजली क्षेत्र में सुधार करने के अधीन है। इसका मतलब यह होगा कि अतिरिक्त उधारी (पिछले वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद के 0.25 प्रतिशत से अधिक) केवल तभी उपलब्ध होगी, जब राज्य सरकारों द्वारा निर्दिष्ट सुधार किए जाएंगे। --आईएएनएस एकेके/एसजीके

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