Banks will make up for the loss of a customer when a victim of online fraud
Banks will make up for the loss of a customer when a victim of online fraud

ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक करेंगे ग्राहक के नुकसान की भरपाई

नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स)। आपने कभी ना कभी अपने मोबाइल फोन पर जरूर ऐसी फर्जी कॉल रिसीव की होगी, जिसमें फोन करने वाला कभी आपको अपना बैंक डाटा अपडेट करने के लिए कहता है तो कभी आपका एटीएम कार्ड रिन्यू करने के बहाने आपका एटीएम कार्ड नंबर मांगता है तो कभी पेटीएम का केवाईसी अपडेट करने के बहाने लिंक पर क्लिक करने को कहता है। हालांकि, कई जागरूक लोग ऐसी फ्रॉड कॉल को तुरंत भाप जाते हैं लेकिन कई लोग इनके जाल में फंसकर अपनी मेहनत की जमापूंजी लुटा भी बैठते हैं। आज के तकनीकी युग में ऑनलाइन हैकिंग और फ्रॉड सामान्य बात हो गई है। आधिकारिक शिकायत दर्ज ना करवाने पर ज्यादातर बैंक ग्राहकों को उनकी खोई हुई राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं लेकिन अब राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने ऐसे फ्रॉड का शिकार होने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। आयोग ने एक फैसले में कहा है कि यदि हैकर्स धोखाधड़ी के जरिए ग्राहक के खाते से पैसा चुरा लेते हैं तो नुकसान के लिए संबंधित बैंक जिम्मेदार होगा। तकरीबन 12 साल पुराने एक मामले में फैसला सुनाते हुए आयोग ने बैंक के सिस्टम को धोखाधड़ी के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल, महाराष्ट्र के ठाणे की जेसना जोस नाम की एक महिला ने 2007 में एक प्राइवेट बैंक से प्री-पेड फॉरेक्स कार्ड लिया था। 2008 में 29 ट्रांजेक्शन के जरिए हैकर ने महिला के क्रेडिट कार्ड से 3 लाख रुपए उड़ा लिये। महिला ने 2009 में जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा जोस ने लॉस एंजेल्स पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई। बाद में यह मामला राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में पहुंच गया। आयोग ने बैंक के क्रेडिट कार्ड चोरी होने और इस कारण फ्रॉड होने के दावे को खारिज कर दिया। अब आयोग ने महिला की शिकायत के आधार पर बैंक को 3 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया है। साथ ही आयोग ने कानूनी खर्च और मानसिक पीड़ा के लिए 80 हजार रुपये अतिरिक्त देने का आदेश दिया है। आयोग ने अपने फैसले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की 2017-18 की सालाना रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसके मुताबिक जिसकी लापरवाही से हैकिंग होगी, नुकसान के लिए वही जिम्मेदार होगा। आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक की लापरवाही या गलती की वजह से नुकसान होता है तो नुकसान की पूरी राशि की भरपाई बैंक को करनी होगी। यदि ग्राहक की लापरवाही से नुकसान होता है तो इसके लिए ग्राहक ही पूरी तरह से जिम्मेदार होगा। आरबीआई के नियमों के मुताबिक फ्रॉड का शिकार होने पर पीड़ित को तीन दिन के अंदर बैंक में शिकायत दर्ज करवानी होगी। ऐसा करने पर ग्राहक को पूरे नुकसान की भरपाई होगी। यदि 4 से 7 दिन के अंदर शिकायत दर्ज कराई जाती है तो ग्राहक को 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक की भरपाई की जाएगी। 7 दिन के बाद शिकायत दर्ज कराने पर नुकसान की भरपाई बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करेगी। हिन्दुस्थान समाचार/कुसुम चोपड़ा-hindusthansamachar.in

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