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अरुणाचल प्रदेश छोटे संयंत्रों से 3,000 मेगावाट बिजली पैदा करेगा : मुख्यमंत्री

ईटानगर, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली हाइड्रो पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ अरुणाचल प्रदेश लिमिटेड (एचपीडीसीएपीएल) ने 2030 तक राज्य में कई छोटी और मिनी पनबिजली परियोजनाओं के माध्यम से 3,000 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि छोटी और स्टैंड-अलोन जलविद्युत परियोजनाएं बिजली की जरूरतों का सबसे अच्छा समाधान हैं, खासकर सीमा चौकियों सहित दूरदराज के इलाकों में जो ग्रिड से दूर हैं। खांडू ने तवांग जिले के जमीथांग गांव में तीन मेगावाट जलविद्युत उत्पादन क्षमता वाले सुंबाचू स्मॉल प्लांट का उद्घाटन करने के बाद कहा, मैंने हाइड्रो पावर विभाग को पूरे राज्य में एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है, जहां समान बिजली उत्पादन स्टेशन बनाए जा सकते हैं। हम राज्य के हर गांव को बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि मिनी पावर प्रोजेक्ट के चालू होने से दूरदराज के जमीथांग और आसपास के क्षेत्रों की नागरिक आबादी के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात भारतीय सेना के लिए एक सपना सच हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नीपको) के आधिकारिक दस्तावेजों में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश में लगभग 70,000 मेगावाट पनबिजली पैदा करने की संभावना है, जिसे भारत का बिजली घर माना जाता है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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