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3 विदेशी निवेशकों के अकाउंट फ्रीज, अडाणी ग्रुप के शेयरों में मची भगदड़

नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। अडाणी ग्रुप की कंपनियों के लिए सप्ताह का पहला कारोबारी दिन काफी झटके वाला दिन साबित हुआ है। आज शेयर बाजार में इस ग्रुप की लिस्टेड सभी 6 कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट का रुख बना। इस ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों के शेयर में अभी तक के कारोबार में ही अधिकतम 22 से लेकर न्यूनतम 5 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। बताया जा रहा है कि तीन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज किए जाने की वजह से अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भगदड़ की ये स्थिति बनी है। ग्रुप की लीडिंग कंपनी अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयरों में 22 फीसदी से भी अधिक की गिरावट दर्ज की गई, वहीं इसी ग्रुप की अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन के शेयर में 16.6 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इसी तरह ग्रुप की दूसरी कंपनियों के शेयरों में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। जानकारों के मुताबिक आज भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देश पर नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने विदेशी फंड के रूप में काम कर रहे हैं 3 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज कर दिया। अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड नाम के इन तीनों विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को अभी तक की गई जांच के आधार पर फर्जी माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन तीनों विदेशी फंडों ने सेबी के स्पष्ट निर्देश के बावजूद अपना केवाईसी भी पूरा नहीं किया है। तीनों विदेशी फंड मॉरीशस के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और इनकी अपनी कोई वेबसाइट भी नहीं है। अनुसार सेबी ने 2020 में ही इन तीनों विदेशी फंडों की जांच शुरू कर दी थी। अब इस जांच के आधार पर इनके इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। इन्वेस्टमेंट अकाउंट फ्रीज हो जाने के बाद ये कंपनियां न तो शेयरों की खरीद कर पाएंगी और ना ही पहले से खरीदे शेयरों की बिक्री कर सकेंगी। एनएसडीएल से मिली जानकारी के मुताबिक इन तीनों विदेशी फंडों ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों में कुल लगभग 43,559 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सबसे ज्यादा निवेश अडाणी इंटरप्राइजेज में किया गया है। अडाणी एंटरप्राइजेज में इनकी हिस्सेदारी 6.82 फीसदी की है और इनका निवेश कुल 12,008 करोड़ रुपये का है। इसी तरह 14,112 करोड़ रुपये के निवेश से इन विदेशी निवेशकों ने अडाणी ट्रांसमिशन की 8.03 फीसदी हिस्सेदारी ले रखी है। अडाणी टोटल गैस में 10,578 करोड़ रुपये के निवेश से इन तीनों कंपनियों ने 5.92 फीसदी हिस्सेदारी ली है, जबकि अडाणी ग्रीन एनर्जी में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी के लिए इन तीनों विदेशी फंडों ने 6,861 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हालांकि इन तीनों विदेशी फंडों ने अडाणी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड 6 कंपनियों में से सिर्फ 4 कंपनियों में ही हिस्सेदारी ली है, लेकिन इनके अकाउंट फ्रीज होने के बाद मची भगदड़ के कारण ग्रुप के सभी 6 कंपनियों के शेयर में जोरदार गिरावट दर्ज की गई। इन तीनों कंपनियों के इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज करने की खबर आते ही आज के शुरुआती कारोबार में ही अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी टोटल गैस के शेयर में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया। जानकारों के मुताबिक केवाईसी पूरा नहीं होने की वजह से सेबी के पास इन तीनों विदेशी फंडों के बारे में कोई भी ठोस जानकारी नहीं है। इन कंपनियों का मालिक कौन है और इनका संचालन कौन करता है, इसकी जानकारी भी सेबी के पास नहीं है। यही वजह है कि सेबी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एनएसडीएल से इन कंपनियों के इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज करवा के जांच तेज कर दी है। हालांकि इन कंपनियों के इन्वेस्टमेंट से प्रत्यक्ष तौर पर अडाणी ग्रुप का कोई भी लेना देना नहीं है, लेकिन एक ग्रुप की ही 4 कंपनियों में भारी-भरकम निवेश होने की वजह से अडाणी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर में बिकवाली का दबाव बन गया है। हिन्दुस्थान समाचार/योगिता

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