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एबॅट ने की न्यूट्रीशन सोसायटी ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी

मुंबई, 09 मार्च (हि.स.)। एबॅट ने न्यूट्रीशन सोसायटी ऑफ इंडिया (एनएसआई) के साथ साझेदारी की है ताकि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) की स्थिति का सामना कर रहे मरीजों के लिए पहली भारत-विशिष्ट क्लिनिकल डाइटरी अनुशंसाओं के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। मेटाबॉलिक सिंड्रोम और संबंधित जीआई स्थितियों के मामले भारत में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। 33.5 फीसदी भारतीय मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित हैं। सिंड्रोम की वजह से मरीजों में टाइप 2 डायबिटीज और हृदय संबंधी रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है। डाइट और लाइफस्टाइल गैस्ट्रोइंटेस्टाइल बीमारियों के व्यापक परिदृश्य को प्रबंधित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जीआई के मरीजों को कब्ज, पेप्टिक अल्सर से लेकर मोटापा, क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस और इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम जैसी समस्याएं होती हैं। ये अनुशंसाएं क्षेत्रीय रूप से उपयुक्त हैं और इन्हें व्यक्ति के आदर्श लक्षित बॉडी वेट, पोषण की जरूरतों, खाना बनाने की पसंदीदा विधि और अन्य प्रासंगिक कारकों के मुताबिक कस्टमाइज भी किया जा सकता है। एबॅट इंडिया की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. श्रीरूपा दास ने के अनुसार पेट के स्वास्थ्य को मैनेज करने के लिए न्यूट्रीशन एवं लाइफस्टाइल में बदलाव प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे देश में खान-पान की संस्कृति काफी भिन्न है। इसलिए सभी मरीजों के लिए एक तरह का डाइट प्लान काम नहीं कर सकता। ऐसे में इसका पालन करना बड़ी चुनौती है। एबॅट ने न्यूट्रीशन सोसायटी ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी की है ताकि भारत के लिए विशिष्ट पहली डायटरी अनुशंसाओं एवं दिशानिर्देशों को तैयार किया जा सके जोकि खाने की सांस्कृतिक आदतों के अनुकूल हों। गाइडलाइंस में इन प्राथमिकताओं पर ध्यान दिया गया है, इससे मरीजों को निजी परामर्श देने में मदद मिलेगी। सैफी एंड वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स के डॉ. हार्दिक शाह के अनुसार महाराष्ट्र में मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 40 फीसदी है। जीवनशैली में बदलाव करके जैसे शारीरिक व्यायाम और खान-पान में बदलाव के साथ इलाज कराने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों को मैनेज करने में मदद मिलेगी। डाइट में बदलाव संबंधी सिफारिशें देश भर में चिकित्सकों को मरीजों के संपूर्ण उपचार और लंबे समय के लिए बनाए जाने वाली स्वास्थ्य आधारित प्रबंधन योजना को आकार देने में मदद देगी। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय

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