बुन्देलखण्ड के किसी जिले को प्रोसेसिंग इन्डस्ट्री की आवश्यकता है तो प्रस्ताव भेजे - कृषि आयुक्त
बुन्देलखण्ड के किसी जिले को प्रोसेसिंग इन्डस्ट्री की आवश्यकता है तो प्रस्ताव भेजे - कृषि आयुक्त

बुन्देलखण्ड के किसी जिले को प्रोसेसिंग इन्डस्ट्री की आवश्यकता है तो प्रस्ताव भेजे - कृषि आयुक्त

बांदा, 23 जून (हि.स.)। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसी भी जिले में यदि प्रोसेसिंग इन्डस्ट्री की आवश्यकता है तो उसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। किसानों के अधिक से अधिक एफपीओ गठित कराये जायें जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने उपरोक्त निर्देश बुन्देलखण्ड क्षेत्र की मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए दिये। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जिले में पांच एकड़ या उससे अधिक की भूमि चिन्हित कर उस पर सधन वृक्षारोपण कराया जाए जिससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र हरा-भरा हो सके। श्री सिन्हा ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिक नई-नई कृषि तकनीक को किसानों तक पहुंचायें जिससे किसानों की आमदनी दोगुुनी हो सके। वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कृृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि किसानों द्वारा जो महत्वपूर्ण सुझाव दिये गए हैं उनका समाधान कराया जायेगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल योजना का कार्य शीघ्र प्रारम्भ होगा। प्रमुख सचिव कृषि डाॅ. देवेश चतुर्वेदी ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान कृषि के साथ-साथ पशुपालन, बागवानी, दुग्ध उत्पादन पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि जो ऋणी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नही कराना चाहते हों, वे बैंक को पहले ही सूचित कर दें। प्रमुख सचिव उद्यान, निदेशक कृषि डाॅ. सिराज सिंह, निदेशक पशुपालन, अपर आयुक्त मनरेगा ने भी अपने-अपने विभाग की योजनाओं के सम्बन्ध में गोष्ठी में विस्तार से जानकारी दी। आयुक्त चित्रकूटधाम मण्ड़ल बांदा गौरव दयाल ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि चित्रकूटधाम मण्ड़ल में खरीफ फसलों की तैयारी करा ली गयी है और आच्छादन बढाने के लिए कार्ययोजना बना ली गयी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण सम्बन्धी कार्य प्राथमिकता पर करायें जा रहें हैं जिससे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि अन्ना पशुओं से फसल को बचाने के लिए मण्डल में स्थायी व अस्थायी गौशालाओं का निर्माण कराया गया है। जिलाधिकारी बांदा अमित सिंह बंसल ने कहा कि बांदा जनपद में कठिया गेंहू की विशेष प्रजाति पैदा होती है जिसका दलिया बहुत ही स्वादिष्ट बनता है। कठिया गेंहू का उत्पादन करने वाले किसानों का एफ.पी.ओ. बनाने का प्रयास चल रहा है जिससे उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो सके। खरीफ गोष्ठी में जिलाधिकारी चित्रकूट शेषमणि पाण्डेय, जिलाधिकारी महोबा अवधेश कुमार तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी हमीरपुर तथा प्रगतिशल किसानों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। खरीफ गोष्ठी में संयुक्त विकास आयुक्त रमेशचन्द्र पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी बांदा हरिश्चन्द्र वर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि वी.के.सिंह, मुुख्य अभियंता विद्युत के.के. भारद्वाज, उप निदेशक कृषि प्रसार ए.के.सिंह, उप निबन्धक सहकारिता, उप निदेशक सूचना भूपेन्द्र सिंह यादव, जिला कृषि अधिकारी तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित-hindusthansamachar.in

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