Bilaspur: High court directives to make time-bound program for starting flights from the airport
Bilaspur: High court directives to make time-bound program for starting flights from the airport

बिलासपुर: उच्च न्यायालय का हवाई अड्डे से उड़ानों को प्रारंम्भ करने समयबद्ध कार्यक्रम बनाने के निर्देश

बिलासपुर/रायपुर, 04 जनवरी (हि.स.)। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीवी रामचन्द्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू वाली खण्ड पीठ ने सोमवार को बिलासपुर हवाई अड्डे से उड़ानों को प्रारंम्भ करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिये है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा द्वारा यह जानकारी दिये जाने के बाद कि ओएलएस रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद डीजीसीए के समक्ष 3सी लाइसेंस का विधिवत आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अब उड़ानों को प्रारंम्भ करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम होना चाहिये। याचिकाकर्ता कमल दुबे की ओर से आशीष श्रीवास्तव ने पिछले आदेश के अनुरूप 2सी लाइसेंस रहते हुये जगदलपुर की तरह उड़ाने प्रारंम्भ करने के संबंध में कोई प्रगति नहीं होना खण्ड पीठ को बताया।हाई कोर्ट प्रेक्टिसिंग एडवोकेट बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने खण्डपीठ के सामने तीन बिन्दु रखे। इसके अनुसार बिलासपुर -भोपाल- बिलासपुर उड़ान की स्वीकृति गत 26 अगस्त को हो चुकी है। उसका औपचारिक आदेश अब तक जारी न होना और ऐसे आदेश के अभाव में अलायंस एयर कंम्पनी उक्त उड़ान हेतु शेड्यूलिंग नहीं कर सकती। इसके अलावा उड़ान 4.0 योजना के टेंडर जो कि दिसम्बर 2019 में हुआ था उसके केवल एक फेस का रिजल्ट जारी हुआ है और एक साल बाद भी सारे रिजल्ट अब तक जारी नहीं हुए। इसके कारण बिलासपुर-प्रयागराज और प्रयागराज-दिल्ली रूट की स्थिति स्पष्ट नहीं है। श्रीवास्तव ने आगे बताया कि उड़ान योजना की एजेंसी एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया है परन्तु यह बिलासपुर से उड़ाने प्रारंम्भ करने में वांछित रुचि नहीं दिखा रही है और याचिका के जवाब को पढ़ने पर ऐसा लगता है कि एएआई का पूरा फोकस बिलासपुर हवाई अड्डे की जमीन अपने नाम कराना है। चीफ जस्टिस रामचन्द्र मेमन और जस्टिस पीपी साहू ने पूरी बहस सुनने के बाद इस सब पर केन्द्र सरकार और एएआई को स्पष्ट जवाब देने के निर्देश देते हुये यह स्पष्ट किया कि अब कोई अतिरिक्त अवसर प्रतिवादियों को जवाब के लिए नहीं दिया जायेगा और याचिका कर्ताओं द्वारा कहे गये सभी तथ्यों पर प्रतिवादियों को स्पष्ट निर्देश देने के निर्देश है। खण्ड पीठ ने राज्य सरकार को भी स्टेटस रिपोर्ट और ओएलएस रिपोर्ट अगली सुनवाई के पहले फाईल करने के लिए कहा है। आज की सुनवाई में केन्द्र सरकार के अतिरिक्त महान्यायवादी रमाकांत मिश्रा कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उपस्थित नहीं थे। इसलिये अगली सुनवाई की तिथि दो सप्ताह बाद की निर्धारित की गई है। हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा-hindusthansamachar.in

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