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भिलाई नगर : हक त्याग की भूमि के रकबे में परिवर्तन करने एवं एक वर्ष से ऋण पुस्तिका नहीं देने का आरोप लगाते हुए वृद्ध ने पटवारी के खिलाफ की शिकायत

भिलाई नगर, 03 मार्च (हि. स.)। चरोदा पटवारी के द्वारा विगत एक वर्ष से नामांतरण के पश्चात ऋण पुस्तिका नहीं देने एवं हक त्याग के पश्चात दस्तावेज में भूखंड रकबा कम करने का आरोप लगाते हुए पीड़ित चरोदा निवासी वृद्ध सुरेंद्र मोहन के द्वारा जिलाधीश से की गई है साथ ही इस शिकायत को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को भी प्रेषित की है। सुरेन्द्र मोहन पिता स्व श्री हंसराज निवासी मकान नं. 1042, काली मंदिर के पास,जी.ई.रोड चरोदा, तह.पाटन, जिला दुर्ग ने जिलाधीश को की गई शिकायत में उल्लेखित किया है कि उनकी माता प्रकाश कौर के नाम पर ग्राम चरादा में खसरा नं. 426/63, रकबा 002 भूमि स्थित थी, माता की मृत्यु पश्चात उक्त भूमि समस्त वारिसान के नाम पर फौती नामांतरण के तहत शामिल खाते में प्राप्त हुआ था। सगी बहनों शशि एवं रेणु द्वारा उक्त भूमि से अपने हक हिस्से की भूमि का हक त्याग सुरेंद्र मोहन के पक्ष में अर्थात 2200 वर्गफुट में से 1467 वर्गफुट भूमि जो कि बहनों के हिस्से में था, को अपने भाई हंसराज के पक्ष में पंजीकृत हकत्याग विलेख द्वारा हक छोडा गया। परंतु पटवारी द्वारा विगत वर्षों से उक्त भूमि का नामांतरण पश्चात सुरेंद्र मोहन के पक्ष में ऋणपुस्तिका दुरूस्त कर नहीं दिया जा रहा है, तथा जानबूझकर अभिलेख में 733 वर्गफुट भूमि का रकबा कम कर दिया गया हैं, तथा वास्तविक रकबा का कोई भी अभिलेख प्रदान नहीं किया जा रहा है। जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, सुरेंद्र मोहन ने कहा है कि उनकी उम्र 61 वर्ष हो चुकी है मूल दस्तावेज नहीं देने एवं हक त्याग की भूमि का रकबा कम करने के कारण उक्त पटवारी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए वास्तविक रकबा का अभिलेख नक्शा खसरा, ऋण पुस्तिका दिला कर न्याय प्रदान किया जाए सुरेंद्र मोहन के द्वारा पटवारी के खिलाफ मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन रायपुर, मुख्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन से की है। हिंदुस्थान समाचार/अभय जवादे

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