बुंदेलखंड के बांदा में घुसे ​टिड्डी दल को अफसरों की तैयारियों के चलते मार भगाया
बुंदेलखंड के बांदा में घुसे ​टिड्डी दल को अफसरों की तैयारियों के चलते मार भगाया

बुंदेलखंड के बांदा में घुसे ​टिड्डी दल को अफसरों की तैयारियों के चलते मार भगाया

— बचे दल ने पश्चिम की ओर किया रुख, बुंदेलखंड फिलहाल टिड्डियों के खतरे से हुआ सुरक्षित बांदा, 13 जून (हि.स.)। फसलों को चट करने वाला पाकिस्तानी टिड्डी दल मध्यप्रदेश के सतना जिले से होते हुए इलाहाबाद और इलाहाबाद से चित्रकूट से होते हुए शुक्रवार को बांदा जिले में बिसंडा तहसील के मझिवांसानी गांव के मजरा (भजनपुरवा), बिसंडी ओरन, बैदन पुरवा होते हुए कोर्रही गांव तक पहुंच गया, इसके बाद शनिवार को टिड्डी दल बांदा शहर के खाई पार निम्नी पार मोहल्ले से होकर निकला। जानकारी मिलते ही आनन—फानन में कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर रसायनों का छिड़काव कर टिड्डी दल को नष्ट करने मे जुट गये है। जिला कृषि अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि शुक्रवार को टिड्डी दल बिसंडा तहसील अंतर्गत महुआ व मझिवांसानी गांव के एक मजरे में देखा गया। इसकी जानकारी जैसे ही कृषि विभाग को मिली तो तुरंत कृषि विभाग के समस्त अधिकारी आनन फानन में मौके पर पहुंचकर रात में ही ध्वनि विस्तारक यंत्र समेत रासायनों का छिड़काव कर काफी मात्रा में टिड्डियों को मार दिया गया है। इस बीच शनिवार को एक टिड्डी दल का टुकड़ा शहर में घुस आया जो खाई पार और निम्नी पार से होकर मध्य प्रदेश की तरफ गुजर गया। इस तरफ फसलों को किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है उन्होंने बताया कि ये टिड्डी दल अब हवा के अनुसार पश्चिम को ओर जाने की संभावना है, जिससे बांदा के बाद अब इसका आक्रमण महोबा में देखने को मिल सकता है। हालांकि किसानों की फसले न होने से किसी प्रकार का ज्यादा कोई नुकसान नहीं हुआ है। बताते चलें कि, टिड्डी दल पिछले 17 दिनों से बुंदेलखंड के कई जनपदों में तबाही मचा रहा है। अलग-अलग टुकड़ों में बंटे टिड्डी दल ने पहले झांसी फिर छतरपुर और सतना होते हुए इलाहाबाद की तरफ रुख किया और इलाहाबाद से चित्रकूट जनपद में आ गया। जिन्हें कृषि विभाग की टीम ने दूसरी तरफ मोड़ने की कोशिश की जिसमें टिड्डी दल अलग-अलग दो तीन टुकड़ों में बंट कर डभौरा और इधर कौशांबी फतेहपुर की तरफ मुड़ गया है, वहीं इसका एक टुकड़ा बांदा जिले के बिसंडा तहसील के कई गांवों तक पहुच गया है। और अब शहर से हो कर गुजरने हड़कंप मच गया है। रात में कहां इनका बसेरा होगा अभी किसी तरह के संकेत नहीं मिले हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित-hindusthansamachar.in

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