​​अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला, कोर्ट में गवाही देने पहुंचे राम विलास वेदांती और विनय कटियार
​​अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला, कोर्ट में गवाही देने पहुंचे राम विलास वेदांती और विनय कटियार

​​अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला, कोर्ट में गवाही देने पहुंचे राम विलास वेदांती और विनय कटियार

- आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा नहीं हाजिर हुए - अदालत ने बयान दर्ज करने के लिए एक हजार से अधिक सवाल तैयार किए संजय सिंह लखनऊ, 04 जून (हि.स.)। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई। लॉकडाउन के चलते पिछली तारीख पर सभी आरोपित बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच सके थे। बचाव के पक्ष के वकील ने अदालत से गवाहों के पेश होने के लिए समय मांगा था, जिस पर विशेष अदालत ने 4 जून की तारीख तय की थी। भारतीय जनता पार्टी से पूर्व सांसद रहे राम विलास वेदांती आज सबसे पहले कोर्ट पहुंचे। इसके बाद पूर्व सांसद विनय कटियार कोर्ट, संतोष दुबे, पवन पांडेय, गांधी यादव और मथुरा से विजय बहादुर कोर्ट पहुंचे। इनमें से किसी ने कोर्ट आते समय मीडियाकर्मियों से बात नहीं की। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा जैसे चर्चित लोग अदालत में नहीं हाजिर हुए। विनय कटियार ने कुछ समय बाद विशेष अदालत से बाहर निकलते समय कहा कि अभी जिरह चल रही है। इस समय वह जा रहे हैं। ये लम्बा चौड़ा मामला है। अभी बयान होने में समय लगेगा। पवन पांडेय ने कहा कि मंदिर निर्माण से हमारा सपना पूरा हुआ। ये हमारे जीवन का पहला और अन्तिम लक्ष्य था। कोर्ट पहुंचे संतोष दुबे ने 06 दिसम्बर की घटना को लेकर कहा कि हमने कोई अपराध नहीं किया। उन्होंने कहा कि मैंने ढांचा गिरते हुए देखा था। हम इसी कार्य के लिए पैदा हुए थे, वह कार्य पूरा हुआ। मैं आरोप सुनूंगा और फिर उसमें जो किया है, जो सच्चाई होगी, उसको ही स्वीकार करूंगा। सीबीआई की ओर से पेश 354 गवाहों के बयान दर्ज कराने के बाद अगली कार्रवाई के लिए अदालत ने आरोपितों के बयान दर्ज करने के लिए एक हजार से अधिक सवाल तैयार किए हैं। इस पर सभी को अपना जवाब देना है। यह सभी सवाल मुकदमे की कार्यवाही एवं विचरण के दौरान गवाह एवं पेश किए गए दस्तावेजों पर आधारित हैं। इन 17 आरोपितों की हो चुकी है मौत मामले से सम्बन्धित आरोपितों अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, वैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महत्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास एवं विनोद कुमार बंसल की मौत हो चुकी है। इस मामले में 8 मई, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर 31 अगस्त, 2020 तक सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अदालत 31 अगस्त तक हर हाल में सुनवाई पूरी करे। इकबाल अंसारी कर चुके हैं मुकदमे को खत्म करने की अपील बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी इस मुकदमे को खत्म करने की अपील कर चुके हैं। इकबाल अंसारी के मुताबिक रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दे चुकी है, जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया है। ऐसे में जब मंदिर-मस्जिद का विवाद खत्म हो चुका है तो इस मुकदमे का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए जितने भी आरोपित हैं, उन्हें मुकदमा खत्म करके कोर्ट-कचहरी जाने से मुक्त कर दिया जाए। राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण भी शुरू हो रहा है। अब देश में हिंदू मुस्लिम जैसा कोई विवाद नहीं रह गया है। इसलिए इस मुकदमे का कोई मतलब नहीं रह गया है। गौरतलब है कि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में उन्मादी भीड़ ने विवादित ढांचा ध्वंस कर दिया गया था। घटना को लेकर उसी दिन थाना राम जन्मभूमि में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच सीबीआई ने की। मामले में सीबीआई ने आरोपितों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 32 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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