अगर इन बैंकों में है खाता, तो 30 नवंबर तक हर खाताधारक को मिलेंगे 5 लाख रुपए!

अगर इन बैंकों में है खाता, तो 30 नवंबर तक हर खाताधारक को मिलेंगे 5 लाख रुपए!
अगर इन बैंकों में है खाता, तो 30 नवंबर तक हर खाताधारक को मिलेंगे 5 लाख रुपए!

नई दिल्ली। देश के कई को-ऑपरेटिव बैंक इन दिनों रिजर्व बैंक की रडार पर हैं। इन बैंकों में फर्जीवाड़े के कारण रिजर्व बैंक ने इनपर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी इन बैंकों के खाताधारकों को हो रही है, जो अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। खबर है कि इन बैंकों का बहुत जल्द सेटलमेंट होने जा रहा है।

दरअसल, सरकार ने 1 सितंबर, 2021 की तारीख तय की है, एक सितंबर से लेकर अगले 90 दिन के अंदर जमाकर्ताओं को प्रतिबंध के तौर पर 5 लाख रुपये मिलेंगे। यानि 30 नवंबर, 2021 तक इन बैंकों के खाताधारकों को उनके पैसे वापस मिल सकते हैं। वित्त मंत्रालय की तरफ से 27 अगस्त को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है।

वित्त मंत्रालय की तरफ से सर्कुलर में कहा गया है कि डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (अमेंडमेंट) एक्ट, 2021 के सेक्शन 1 के तहत सब सेक्शन (2) के मुताबिक, सरकार ने एक सितंबर, 2021 को इस कानून के प्रावधान को लागू किया है। सर्कुलर में आगे कहा गया, इससे उन सभी खाताधारकों को 5 लाख रुपये मिलेंगे, जिन बैंकों को रिजर्व बैंक ने मॉरटोरियम (प्रतिबंध) पर रखा है। यह 5 लाख रुपये उन बैंकों के खाताधारकों को भी मिलेगी, जो बैंक डिपॉजिट गारंटी एक्ट पारित होने से पहले ही मॉरटोरियम पर चल रहे थे।

क्या है 5 लाख का हिसाब

बता दें कि कई बैंक इस लिस्ट में शामिल हैं, जिन्हें आरबीआई ने मॉरटोरियम पर डाला है। कुछ बैंकों में 90 दिन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि, रिजर्व बैंक बट्टे खाते में चल रहे बैंकों के मर्जर, अरेंजमेंट या रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम पर काम कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में कुछ बैंकों के खाताधारकों को 180 दिन में यह रकम मिलेगी।

ये बैंक हैं शामिल

रिजर्व बैंक के मॉरटोरियम में चल रहे बैंकों की बात करें तो उनमें गुना, मध्यप्रदेश स्थिति ग्रह को-ऑपरेटिव बैंक, विजयवाड़ा स्थित डेक्कन अरबन को-ऑपरेटिव बैंक और नासिक स्थित इंडीपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक के नाम शामिल हैं। सरकार ने हाल में ऐलान किया था जो कि बैंक मॉरटोरियम में चल रहे हैं उनके ग्राहकों को मॉरटोरियम शुरू होने से 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये मिलेंगे। यह कानून इसी साल अगस्त में मॉनसून सत्र के दौरान पारित हुआ था।

किसे मिलेगा पैसा

वित्त मंत्रालय ने इसे 90 दिन की अवधि को 45-45 दिन के दो हिस्से में बांट दिया है। बट्टे खाते में गए बैंक शुरुआती 45 दिन में अपने खाताधारकों के रिकॉर्ड जुटाएंगे और इन सूचनाओं को DICGC को देंगे। अगले 45 दिन के अंदर डीआईसीजीसी सभी क्लेम को प्रोसेस करेगा और ग्राहकों को उनके 5 लाख रुपये लौटाए जाएंगे।

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