तेज तकनीकी परिवर्तनों को मानवीय बनाकर असमानता करें दूर : अमित सिंघल
तेज तकनीकी परिवर्तनों को मानवीय बनाकर असमानता करें दूर : अमित सिंघल

तेज तकनीकी परिवर्तनों को मानवीय बनाकर असमानता करें दूर : अमित सिंघल

प्रयागराज, 14 जून (हि.स.)। तकनीकी के कारण पिछले कुछ वर्षों में जितनी प्रगति हुई, उससे अधिक तेज परिवर्तन आने वाले कुछ वर्षों में होंगे। कोविड-19 के पश्चात यदि इस तकनीकी परिवर्तनों को मानवीय बना सकें तो इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। यह बातें युइंग क्रिश्चियन महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के तीसरे और अंतिम दिन न्यूयॉर्क, अमेरिका से संयुक्त राष्ट्र संघ में अधिकारी अमित सिंघल ने संभावित तकनीक परिवर्तनों और उसके संभावित प्रभावों पर कही। श्री सिंघल ने कहा कि भारत में एक बहुत बड़े तबके की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का संस्थानीकरण और औपचारीकरण बहुत आवश्यक है। प्रमुख आर्थिक चिंतक और दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के अध्यापक रहे डॉ.बजरंग लाल गुप्ता ने विकास के वैकल्पिक मॉडल सुमंगलम की विस्तार से चर्चा की। कहा कि जीडीपी केंद्रित वर्तमान पश्चिम का विकास मॉडल उपभोक्तावाद को ही बढ़ावा देता है और असमानता को बढ़ाने वाला है। बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा स्वास्थ्य में कमी इसके अनिवार्य परिणाम हैं। इसके विपरीत मानव केंद्र भारत का विकास दर्शन संपूर्ण रोजगार सभी को स्वास्थ्य सभी को शिक्षा देने में समर्थ है। क्योंकि यह उपभोक्तावाद पर संयम करने को महत्व देता है। डॉ. गुप्त का कहना था कि विकास और अर्थव्यवस्था के प्रति विश्व का दृष्टिकोण ही दूषित है साथ ही मनुष्य की अवधारणा खंडित और एकांगी है। जिसके परिणाम स्वरूप बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार घोटाले और अपराध की घटनाएं हो रही है। उन्होंने विकास के एक वैकल्पिक मॉडल जिसे सुमंगलम नाम दिया, को प्रस्तुत किया। इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ सहायक संपादक श्याम लाल यादव ने कहा कि सबसे पहले गरीबों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करना, एक बोतल शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहतर प्रबंधन करना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए। मुम्बई से शिशिर संदीपन ने बीमा के क्षेत्र में कोविड के बाद होने वाले परिवर्तनों और महत्व पर प्रकाश डाला। आईपीएस अधिकारी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कोविड बाद ऑनलाइन लेनदेन बढ़ने के कारण होने वाले साइबर क्राइम पर विस्तार से चर्चा की। अमेरिका के कैलिफोर्निया से डॉ. पूर्वा सिंह ने कहा कि कोविड 19 के पश्चात उत्पादन के तरीके और सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन आने वाले हैं। और भारत में सबसे अधिक सेवा क्षेत्र का प्रभाव पड़ने के कारण यहां रिकवरी यू शेप में होगी। योजना आयोग के पूर्व सलाहकार और सेवानिवृत्त भारतीय आर्थिक सेवा डॉ.नागेश सिंह ने कहा कि भारत के गांव में इस तरह के संक्रमण से लड़ने की क्षमता बहुत अधिक है, यहां उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा और सरकार के उपायों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पूर्व विकास आयुक्त विदेशी व्यापार के एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुशांत शेखर दास ने वैश्विक व्यापार पर कोविड 19 के प्रभाव और दोस्ती में भारत के लिए चुनौतियों और संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इविवि अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रशांत कुमार घोष ने भारतीय अर्थ व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करते हुए इसके पुनरुत्थान के लिए किए जाने वाले उपायों पर विस्तार से बताया। कहा कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए सरकार को और महत्वपूर्ण उपाय करने होंगे। कनाडा से डॉ.कल्पना सिंह ने तकनीकी परिवर्तनों के भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभावों पर अपना व्याख्यान दिया। वेबिनार का संचालन डॉ. विवेक कुमार निगम और डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. लिटीसिया हरमिट ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय-hindusthansamachar.in

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