अखिलेश ने भाजपा के खिलाफ 'समाजवादी पार्टी का आ​​​ह्वान' अपील की जारी
अखिलेश ने भाजपा के खिलाफ 'समाजवादी पार्टी का आ​​​ह्वान' अपील की जारी

अखिलेश ने भाजपा के खिलाफ 'समाजवादी पार्टी का आ​​​ह्वान' अपील की जारी

कहा-भाजपा सरकारों की अक्षम्य गलतियों करें पर्दाफाश लखनऊ, 25 जून (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में 'समाजवादी पार्टी का आह्वान' अपील जारी करते हुए सभी पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का आह्वान किया कि वे राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकारों की अक्षम्य गलतियों तथा जनविरोधी नीतियों का जन-जन के बीच जाकर पर्दाफाश करें और पीड़ित, दुःखी तथा असहाय लोगों की यथासम्भव मदद करें। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने जनता का भरोसा तोड़ने का काम किया है। कोरोना महामारी से पूरा देश भयाक्रांत है। लाॅकडाउन ने सामाजिक-आर्थिक सभी गतिविधियां ठप कर दी हैं। लाखों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद जनहित का कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया है। जनता अपने साथ हुए विश्वासघात को भूल नहीं सकती है। इसलिए हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कुशासन का पर्याय बन गई भाजपा सरकार को सन् 2022 के चुनावों में सत्ता से बेदखल करना है। समाजवादी पार्टी महात्मा गांधी, डाॅ. राममनोहर लोहिया, डाॅ. भीम राव अम्बेडकर, आचार्य नरेन्द्र देव, लोक नायक जयप्रकाश नारायण और चौधरी चरण सिंह के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए आर्थिक-सामाजिक गैरबराबरी और सभी किस्म की विषमताओं के विरुद्ध संघर्षरत रही है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने देश को आर्थिक अराजकता, मंदी, अपराध और लोकतंत्र के अवमूल्यन की दिशा में ढकेला है। साजिश और अफवाह, यही भाजपा के हथियार है। उन्होंने कहा भाजपा की एकाधिकारी प्रवृत्ति की आशंका प्रबल होती दिखती है। उन्होंने कहा कि आज के दिन ही देश में लोकतंत्र को तानाशाही का शिकार बनाया गया था। जब उसके विरोध में जनता उठी तो दूसरी आजादी की रक्षा हो सकी। आज फिर वैसी संक्रमण कालीन स्थिति बन रही है। किसान के विरुद्ध गहरी साजिश के तहत कारपोरेट पूंजीवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। साम्प्रदायिकता और जातियों के बीच नफरत लोकतंत्र को कमजोर करती है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in