कोरोना लॉकडाउन :  मानसून का सामना करने के लिए पश्चिम रेलवे तैयार
कोरोना लॉकडाउन : मानसून का सामना करने के लिए पश्चिम रेलवे तैयार

कोरोना लॉकडाउन : मानसून का सामना करने के लिए पश्चिम रेलवे तैयार

मुंबई, 09 जून, (हि. स.)। कोरोना महामारी के चलते एक लम्बे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद अब पश्चिम रेलवे विशेष मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन करते हुए अपनी मेन लाइन सेवाओं को धीरे धीरे पुनः शुरू कर रही है तथा अब तक 1200 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें पहले ही चलाई जा चुकी हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि निकट भविष्य में जब कभी मुंबई की जीवन रेखा कहलाने वाली लोकल ट्रेनें अपना सफर फिर से शुरू करें, तो मानसून सीजन के दौरान उपनगरीय खंड का ट्रैक प्रभावित न हो और मुंबई लोकल ट्रेन की सेवाएं बिना किसी बाधा के लगातार जारी रह सकें। अपनी मानसून पूर्व तैयारियों के क्रम में कोरोना महामारी के दौरान श्रम शक्ति की कमी होने के बावजूद पश्चिम रेलवे मानसून सीजन का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर के अनुसार प्रतिवर्ष मुंबई उपनगरीय खंड पर भारी वर्षा के कारण रेलवे ट्रैक पर होने वाले जल जमाव के अहम मुद्दे पर विचार करते हुए मानसून सीजन के दौरान सुचारू परिचालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाये जा रहे हैं। मानसून की तैयारियों के सम्बंध में पश्चिम रेलवे द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। नालों की सफाई के पश्चात सम्बंधित निगमों अर्थात एमसीजीएम, एमबीएमसी तथा वीवीसीएमसी के साथ संयुक्त निरीक्षण प्रगति पर है। वर्तमान में 55 नालों में से जिनकी सफाई की जा चुकी है, ऐसे 44 नालों का संयुक्त निरीक्षण पूर्ण किया जा चुका है। शेष निरीक्षण 10 जून, 2020 तक पूर्ण कर लिए जायेंगे। 47 किलोमीटर नाले की नेटवर्क की मानसून पूर्व सफाई कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सफाई के और अधिक चरणों को मानसून के दौरान पूर्ण किया जाएगा। चर्चगेट - विरार खंड के बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में विभिन्न यार्डों एवं ब्लॉक सेक्शनों में लगभग 10 किलोमीटर अतिरिक्त नाले उपलब्ध कराए गए हैं। इन नालों को शहर के निकासी प्रणालियों के साथ जोड़ा गया है। यह नाले ट्रैक क्षेत्र एवं यार्ड में तीव्र गति से जल निकासी हेतु काफी मददगार हैं। पम्पिंग क्षमता में वृद्धि करने हेतु इस वर्ष उच्च क्षमता वाले कुल 191 पम्प लगाये गये हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% अधिक है। उपनगरीय प्रणाली में बारिश शुरू होते ही इन पम्पों को कार्य में लाया जाएगा। बारिश के दौरान विफलताओं से बचने हेतु प्रतिदिन इसे प्रयोगात्मक आधार पर चलाया जायेगा और इनकी मरम्मत की जायेगी। मानसूनी वर्षा में इंसुलेटर की फ्लैशिंग को रोकने हेतु अब तक 5500 इंसुलेटरों की साफ-सफाई की गई। पुलों की फिटिंग की भी जांच की गई, जहां क्लीयरेंस क्रिटिकल है। यह देखा गया है कि पक्षी प्रजनन काल के दौरान पक्षी ओएचई स्ट्रक्चरों में घोंसले बनाते हैं। फुट पेट्रोलिंग और लाइव लाइन निरीक्षण के दौरान घोंसलों की पहचान की गई है। तत्पश्चात पहचाने गये पक्षी घोंसलों को स्ट्रक्चरों से हटा दिया गया है। पश्चिम रेलवे पर अभी तक कुल 2300 पक्षी घोंसले निकाले गये हैं। अधिकांश उपनगरीय खंड में को ओएचई नियमित है और तापमान परिवर्तन के कारण क्रॉस ओवरों के ओवरहेड वायर में गड़बड़ी हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए सभी क्रॉसओवरों पर टावर वैगन द्वारा हॉट लाइन की जांच की गई और पावर ब्लॉकों में समायोजित किया गया। अनुमेय सीमा के अंदर अर्थ स्टेशनों के अर्थ रेजिस्टेंस के रखरखाव के लिए 422 अर्थ स्टेशनों के अर्थ रेजिस्टेंस को मापा गया। पश्चिम रेलवे ने अपने ईएमयू उपनगरीय रेकों के मानसून सम्बंधी रखरखाव का कार्य भी शुरू कर दिया है, जिसमें ईएमयू कोचों और उनके विद्युत उपकरणों में सम्भावित रिसाव का पता लगाने और प्लग करने, खिड़कियों और दरवाजों का सुचारू मूवमेंट सुनिश्चित करने जैसे कार्य मुख्य रूप से शामिल हैं। कोचों की छत और इंसुलेटर की सफाई का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मानसून की शुरुआत के पहले विभिन्न सिगनलिंग गियर्स का इंसुलेशन परीक्षण पूरा हो जायेगा और जहां कहीं भी आवश्यक हो, मरम्मत / प्रतिस्थापन किया जायेगा। ई एम यू रेकों के मानसून की दृष्टि से अनुरक्षण में मोटरमैन / गार्ड कैब में लुक आउट गिलासों की सीलिंग, कोचों में रुफ के जॉइंटों की सीलिंग, रूफ के हाई वोल्टेज इक्विपमेंट इन्ट्रीजू की सीलिंग और अंडरफ्रेम में इक्विपमेंट की सीलिंग का कार्य शामिल है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण ईएमयू कार शेड, मुंबई सेंट्रल में न्यूनतम कर्मचारियों की उपस्थिति होने के बावजूद समर्पित कर्मचारियों ने 52 रेकों में इस कार्य को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया है और शेष कार्य को ईएमयू सेवाओं के शुरू होने से पहले चरणबद्ध ढंग से पूरा किए जाने की योजना बनाई गई है। भाकर ने बताया कि इन तैयारियों के अतिरिक्त सभी मंडलों को एक एडवाइजरी जारी की गई है कि वे मानसून के दौरान निर्बाध रेल सेवाएं प्रदान करने एवं यात्रियों की सुविधा के लिए सभी प्रकार से तैयार रहें। स्टेशनों, आसपास के विचरण क्षेत्रों, सभी कोनों में, अलग-थलग पड़ी जगहों से कूड़ा - कचरा हटाया जायेगा। इसके अलावा, ट्रैक एरिया, खुली नालियों एवं सीसी एप्रन आदि जो भी हाउसकीपिंग ठेके में शामिल हैं, उनकी नियमित साफ-सफाई की जायेगी। प्लेटफॉर्मों, कॉनकोर्स एरिया, पैदल उपरी पुल, कस्टमर इंटरफेस एरिया, प्रतीक्षालय, शौचालय एवं कैटरिंग यूनिटों की शीघ्र सफाई करने पर भी मुख्य रूप से ध्यान रहेगा। रेल परिसर को गंदगी मुक्त रखने और प्लास्टिक का उपयोग न करने के बारे में लोगों से अपील करते हुए नियमित घोषणाएं की जायेंगी। सभी मंडलों को निर्देश दिये गये हैं कि वे निर्बाध टिकटिंग सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बारिश के पानी, रिसाव और सीवेज से एटीवीएम, सीओटीवीएम, ओसीआर को क्षतिग्रस्त न होने देने के लिए उन्हें सुरक्षित करने के सम्बंध में आवश्यक व्यवस्था करें। मुंबई मंडल के साथ किये गये ठेके के अंतर्गत शामिल सभी विज्ञापन एजेंसियों को सचेत किया गया है कि वे रेल परिसरों में लगी हुई अपनी होल्डिंग संरचनाओं, विज्ञापन होर्डिंगों का निरीक्षण करें और उन्हें मजबूती के साथ टिकाने की व्यवस्था करें। पार्सल कार्यालयों एवं माल कार्यालयों को भी सूचित किया गया है कि वे माल एवं पार्सलों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए दावा रोकथाम सम्बंधी उपायों को सुनिश्चित करें। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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