बद्रीनाथ के बारे में जानकारी - Badrinath in Hindi

बद्रीनाथ के बारे में जानकारी - Badrinath in Hindi

बद्रीनाथ (Badrinath) भारत में उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय धार्मिक शहरों में से एक है। यह भारत के सभी चार धामों में से सबसे महत्वपूर्ण है। नर और नारायण पर्वत श्रृंखला के बीच और शक्तिशाली नीलकंठ चोटी की छाया से शहर की प्राकृतिक सुंदरता चरम पर पहुंचती है। समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊंचाई पर यह पवित्र शहर, अलकनंदा नदी के बाएं किनारे पर है।

शंकराचार्य जी द्वारा निर्मित यह सबसे पुराना तीर्थ भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण विष्णुधाम (Vishnudham) के नाम से जाना जाता है। बद्रीनाथ की यात्रा के दौरान श्रद्धालु देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग, नन्दप्रयाग, विष्णुप्रयाग और पांडुकेश्वर जैसे कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं।

बद्रीनाथ के बारे मे -

बद्रीनाथ के निकट स्थित बाज़ार से पर्यटक पूजन सामग्री, शालिग्राम और अन्य रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं खरीद सकते हैं।

बद्रीनाथ की यात्रा सुविधाएं -

  • चारधाम यात्रा हर साल होती है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं इसीलिए यह जरूरी है कि आप पहले से होटल में बुकिंग करवा लें जिससे वहाँ रहने में कोई परेशानी न हो।

  • प्लास्टिक का प्रयोग न करें, यात्रा में यह वर्जित है।

  • गर्म कपड़े और दवाइयां साथ में जरूर रखें।

  • भारी बर्फबारी के कारण चारों धामों के कपाट बंद होने पर सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को जिसमें बद्रीनाथ को जोशीमठ, केदारनाथ को ऊखीमठ, गंगोत्री को मुखबा और यमुनोत्री को खरसाली में स्थापित कर दिया जाता है, जिससे राज्य सरकार द्वारा पूरे साल चारधाम यात्रा करवाई जाती है।

बद्रीनाथ का इतिहास -

पौराणिक कथाओं के अनुसार, बद्रीनाथ पहले भगवान शिव का क्षेत्र था लेकिन श्री हरि विष्णु के आग्रह पर भगवान शिव केदारनाथ चले गये और विष्णु जी स्वयं यहाँ वास करने लगे। गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था।

बद्रीनाथ की सामान्य जानकारी -

  • राज्य- उत्तराखंड

  • स्थानीय भाषाएँ- हिंदी, गढ़वाली,

  • स्थानीय परिवहन- बस व टैक्सी

  • पहनावा- ठंडा इलाका होने के कारण यहाँ गर्म ऊनी कपड़े पहने जाते हैं।

  • खान-पान- बद्रीनाथ में कई रेस्टोरेंट और होटल हैं लेकिन अगर आपको यहाँ के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखना है तो सड़क किनारे बने ढाबे आपको निराश नहीं करेंगें। अरसा, काफुली, बड़ी, गुलगुला और कंडाली का साग जैसे स्थानीय पकवानों का स्वाद आपकी यात्रा को यादगार बना देगा। एक धार्मिक स्थल होने के नाते बद्रीनाथ में केवल शाकाहारी व्यंजन ही मिलते हैं। मांसाहारी खाना और मद्यपान (alcohol) यहाँ वर्जित है।

बद्रीनाथ के प्रमुख त्यौहार -

  • छोटा चारधाम यात्रा - Chota Char Dham Yatra

प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड के पवित्र धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में छोटा चारधाम यात्रा आयोजित की जाती है जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु इन तीर्थस्थलों के दर्शन करने आते हैं। आमतौर यह यात्रा अप्रैल-मई में शुरू होती है और अक्टूबर-नवंबर तक चलती है, इस बीच मानसून में (जुलाई से सितंबर) अधिक वर्षा और सर्दियों (दिसंबर से मार्च) में भारी बर्फ पड़ने के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। बद्रीनाथ यात्रा में 10 से 11 दिनों का समय लगता है लेकिन हेलीकॉप्टर द्वारा यही यात्रा 2 दिन में पूरी की जा सकती है।

  • बद्री-केदार उत्सव - Badri Kedar Utsav

जून महीने में करीब 8 दिनों तक चलने वाला बद्री-केदार उत्सव हिन्दू संस्कृति और परंपरा का उत्कृष्ट प्रदर्शन है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में इस उत्सव के दौरान संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा सितंबर महीने में माता मूर्ति का मेला और जन्माष्टमी का त्यौहार यहाँ काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

बद्रीनाथ कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

बद्रीनाथ से लगभग 317 किलोमीटर दूर देहरादून का जॉलीग्रांट डोमेस्टिक और दिल्ली का इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नजदीकी एयरपोर्ट हैं।

  • रेल मार्ग - By Train

यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, बद्रीनाथ से करीब 300 किलोमीटर दूर है, जहाँ से पर्यटक बस या टैक्सी द्वारा आसानी से बद्रीनाथ धाम पहुँच सकते हैं।

  • सड़क मार्ग - By Road

उत्तराखंड के अन्य शहरों जैसे ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून आदि और दिल्ली से सड़कमार्ग द्वारा टैक्सी या बस से भी यहाँ पहुँचा जा सकता है।

बद्रीनाथ घूमने का समय -

बर्फीली श्रृंखलाओं से घिरे बद्रीनाथ में, सालभर सर्द हवाएं चलती हैं लेकिन मई से जून और सितंबर से अक्टूबर का समय बद्रीनाथ की यात्रा का उपयुक्त समय है।

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