तनाव कम होने से अमेरिका का इराक से सैनिकों की वापसी का वादा
तनाव कम होने से अमेरिका का इराक से सैनिकों की वापसी का वादा

तनाव कम होने से अमेरिका का इराक से सैनिकों की वापसी का वादा

नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। अमेरिका ने कहा कि आने वाले महीनों में वह इराक में अपने सैनिकों की संख्या को कम कर देगा क्योंकि बगदाद में अमेरिका के अनुकूल एक नए प्रधानमंत्री के तहत दोनों देशों के बीच मतभेद कम हो गए हैं। दोनों देशों में एक दशक से अधिक समय में पहली रणनीतिक वार्ता के दौरान अमेरिका ने संकटग्रस्त इराकी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए समर्थन का भी वादा किया। जनवरी में बगदाद पर अमेरिकी हमले के बाद तनाव बढ़ गया था, जिसमें ईरानी जनरल कासिम सोलेमानी और इराकी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए थे। इसके बाद बगदाद में सांसदों ने देश में लगभग 5,200 अमेरिकी सैनिकों को निष्कासित करने की मांग की थी। इसका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गंभीर प्रतिबंधों की धमकी देते हुए जवाब दिया। अमेरिकी सैन्य सूत्रों के अनुसार रॉकेट हमलों के लिए दोषी ठहराए गए समूहों के खिलाफ वाशिंगटन ने बमबारी की एक विशाल योजना बनाई थी। एक संयुक्त बयान में अमेरिका ने कहा कि 2014 में उसकी सेना के इराक लौटने की वजह इस्लामिक स्टेट समूह के चरमपंथियों को पराजित करना था। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने माना कि आईएसआईएस के खतरे को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को देखते हुए अमेरिका आने वाले महीनों में इराक से सेना को कम करना जारी रखेगा। अमेरिका ने दोहराया कि वह इराक में स्थायी ठिकानों या स्थायी सैन्य उपस्थिति की मांग नहीं करता है और न ही इसका अनुरोध करता है। गठबंधन ने हाल के महीनों में एक दर्जन सैन्य अड्डों को कम करके सिर्फ तीन अड्डों तक सीमित किया है। मध्य पूर्व के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक डेविड शेंकर ने संवाददाताओं से कहा कि सैनिकों को कम करने के लिए किसी समय सीमा पर चर्चा नहीं की गई। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in

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