मध्य प्रदेश का दमोह एक ऐतिहासिक शहर है, जो मुगल शासक अकबर के शासनकाल में मालवा के अंतर्गत आता था। हिन्दू पुराणों के अनुसार इस शहर का नामकरण राजा नल की पत्नी दमयंती के नाम पर रखा गया है। 14वीं सदी में दमोह मुस्लिम धर्म से प्रभावित हुआ। दमोह में कई प्राचीन मंदिर स्थित थे, किन्तु मुगल शासनकाल में इन मंदिरों को ध्वस्त कर किले का निर्माण किया गया। इस ऐतिहासिक शहर में भगवान शिव-पार्वती, विष्णु व अन्य की प्राचीन प्रतिमाएँ मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ दो प्राचीन मस्जिदें, घाट हैं।
जबलपुर हवाई अड्डा, दमोह का निकटतम हवाई अड्डा है, जहां देश के किसी भी बड़े शहर से विमान द्वारा पहुँचा जा सकता है। यदि आप रेलमार्ग द्वारा जाना चाहते हो तो दमोह रेलवे स्टेशन, दमोह का निकटतम रेलवे स्टेशन है। सड़कमार्ग द्वारा भी दमोह पहुँचा जा सकता हैं, यहां जाने के लिए नियमित रूप से बस सेवा उपलब्ध हैं।
दमोह एक ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल है। यहाँ की यात्रा करने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय श्रेष्ठ है।