गोरखपुर शहर का नाम सन्त मत्स्येन्द्रनाथ के शिष्य गोरखनाथ के नाम पर पड़ा है। इस शहर में चीनी तथा लकड़ी का अधिक मात्रा में व्यापार किया जाता है, जिसके लिए यहां व्यापार करने के लिए मण्डी तक बनवाई गई है। यहां पर मुलायम तौलिए, हस्तशिल्प, टेराकोटा आदि का निर्माण किया जाता है। यहां घूमने के लिए अनेकों विकल्प मौजूद हैं, जैसे कि गोरखनाथ मन्दिर, गीतावाटिका, इमामबाड़ा, विष्णु मंदिर, गीताप्रेस, आदि।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन द्वारा भी यहां का भ्रमण किया जा सकता है। गोरखपुर हवाई अड्डे द्वारा भी गोरखपुर की यात्रा कर सकते हैं तथा यदि आप चाहें तो बस से भी गोरखपुर का दौरा कर सकते हैं।
गोरखपुर की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है।