गया के बारे में जानकारी - Gaya in Hindi

गया के बारे में जानकारी - Gaya in Hindi

गया(Gaya), बिहार राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर और हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यदि हम गया के नाम का जिक्र करें तो यहां एक दंतकथा प्रचलित है "जिसके अनुसार यहां भगवान विष्णु ने गयासुर का वध किया था इसलिए इस शहर का नाम गया रखा गया। पितृदान के लिए महत्वपूर्ण होने के कारण हर वर्ष पितृपक्ष के मौके पर यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। हिन्दू मान्यतानुसार पितृपक्ष के मौके पर गया में पिंडदान करने से मृतक को मुक्ति मिल जाती है और वह बैकुंठधाम प्राप्त कर लेता है।  

मौर्य काल में एक महत्वपूर्ण शहर रह चुका गया न केवल धार्मिक महत्व व पवित्रता के लिए मशहूर है बल्कि अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों, सदियों पुरानी इमारतों और हरियाली के लिए भी भली भांति जाना जाता है। "बोध गया" यहां का प्रमुख तीर्थ स्थल है। माना जाता है कि गौतम बुद्ध को इसी स्थान पर ज्ञान प्राप्त हुआ था। गया के खान- पान की बात करें तो यहां लिट्टी चोखा, सत्तू की रोटी, बैंगन का भर्ता, टावर चौक पर मिलने वाली चाट, कोपाल का कोफ्ता, बिरयानी, बिहारी कबाब आदि का लाजवाब स्वाद चख सकते हैं। 

गया के बारे मे -

सासाराम डाकबंगला मार्केट (Dak Bangla Market) से जरूरत की सभी वस्तुओं के साथ साथ शादी-ब्याह के सामान की भी खरीदारी की जा सकती है जैसे- शादी का लहंगा, डिजाइनर साड़ी, शादी के कार्ड आदि। 

गया की यात्रा सुविधाएं -

  • गया शहर में सिल्क के कपड़े खरीदते समय थोड़ी सावधानी बरतें क्योकि यहां सिल्क के नाम पर नकली कपड़ा भी बेचा जाता है

  • यदि पर्यटक शहर की खूबसूरती को निहारने के लिए कुछ सुकून के पल गुजारना चाहते हैं तो त्यौहारों के समय यहां घूमने का प्लान न बनाए, क्योंकि इस दौरान शहर में काफी भीड़ होती है। 

  • गया शहर में रात के समय अकेले पैदल यात्रा करने से बचना चाहिए

  • यात्रा के दौरान यात्री को अपनी निजी वस्तुओं का विशेष ध्यान रखें

गया का इतिहास -

प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथों में से एक 'रामायण' में गया का वर्णन किया गया है। इस स्थान की खुदाई के समय यहां सम्राट अशोक से जुड़ा हुआ एक आदेश पत्र मिला था।

गया की सामान्य जानकारी -

  • राज्य -   बिहार

  • स्थानीय भाषाएँ -  भोजपुरी, मैथिली, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू

  • स्थानीय परिवहन - सिटी बस, टैक्सी, तांगे, ऑटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा

  • पहनावा -  यहां की महिलाएं साड़ी पहनती हैं तथा पुरुष कुर्ता- पैजामा या पैंट- शर्ट पहनते हैं। विशेष अवसरों जैसे त्यौहार, शादी विवाह या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान पुरुष धोती- कुर्ता पहनते हैं। 

  • खान-पान - बिहार झारखंड और गया का खान- पान लगभग एक समान ही है। यहां के स्थानीय लोग पिट्ठा (pittha) , पुआ बरी दाल (pua bari dal), बैंगन का भरता और मरुआ-का-रोटी (marua-ka-roti), सत्तू सुखौता (sukhaota), लिट्टी आदि बहुत चाव से खाते हैं। इसके अलावा पर्यटक यहां की कुछ प्रसिद्ध मिठाइयों जैसे केसरिया पेड़ा (Kesaria Peda), तिलकुट एवं अनरसा (Anarsa) आदि का स्वाद भी चख सकते है। 

गया के प्रमुख त्यौहार -

  • गया पितृपक्ष मेला - Gaya Pitrapaksha Mela

यह शहर का सबसे बड़ा उत्सव है जो हर वर्ष सितम्बर/अक्टूबर महीने में मनाया जाता है। इस दौरान काफी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह त्यौहार यहां बुद्ध अवधि से चल रहा है जिन्होंने यहां पहला पिंड दान किया था। इस अवसर पर देश विदेश से आए लोगों के लिए सुरक्षा व्यवस्था से लेकर खान- पान खरीददारी, मनोरंजन आदि का पूरा ध्यान रखा जाता है। 

  • बुद्ध पूर्णिमा - Buddha Purnima

यह त्यौहार गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) के जन्मदिन के रुप में अप्रैल या मई माह में मनाया जाता है। इस त्यौहार में शामिल होने के लिए देश भर से श्रद्धालु यहां आते हैं। इस अवसर पर महाबोधि मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और झंडों से सजाया जाता है और  आध्यात्मिक प्रवचन, प्रार्थना, समूह ध्यान (group meditation) आदि का आयोजन किया जाता है।   

गया कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

गया का नजदीकी हवाई अड्डा "बोधगया" है जो शहर से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

  • रेल मार्ग - By Train

गया जंक्शन यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यहां से पर्यटक गया की यात्रा के लिए बस, टैक्सी या रिक्शा ले सकते हैं। 

  • सड़क मार्ग - By Road

बिहार के सभी बड़े शहरों के अलावा रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बनारस तथा कोलकाता आदि शहरों से भी गया के लिए नियमित रूप से बस सेवा उपलब्ध है।

गया घूमने का समय -

अक्टूबर से मार्च का समय गया जाने के लिए अच्छा माना जाता है इस बीच यहां का मौसम बहुत सुहावना होता है।

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